Pranaghatak Hasya

· Storyside IN · Чита Nachiket Devsthali
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एकोणिसाव्या शतकातील सुरूवातीच्या काळात घडलेली ही युध्द घटना आहे. जय-पराजय होतच असतात. अशावेळी सैनिकांना कशा प्रकारे तोंड द्यावे लागले हे सांगता येत नाही. पायी वणवण, उपासमार, शत्रू पाठीशी, शस्त्रांचा अभाव इ.इ. या सगळ्या गोष्टी एकवेळ सहन करता येतील, पण मानहानी किंवा अपमान माणसाला कोणत्या थराला नेईल हे सांगता येत नाही. अशाच एका छद्मी हास्यामुळे एक सैनिक किती भयानक कृत्य करतो, हे ऐकून अंगावर काटा येईल.

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