“रविवार का दिन था। पिताजी ने बेन और लीजा से कहा, ‘‘बच्चो, हमें आज कुछ समय अपने गैराज में बिताना चाहिए एवं अपनी गाड़ी पर ध्यान देना चाहिए।’’ ‘‘हाँ, पिताजी! इसमें बहुत आनंद आएगा।’’ बेन व लीजा ने कहा।
उनके पिता ने जैसे ही द्वार खोला, बेन व लीजा उनके पीछे-पीछे, गैराज में भागे। ‘‘बेन और लीजा! गैराज में चलते समय ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि फर्श कुछ नुकीली चीजें पड़ी हो सकती हैं।’’ पिताजी ने
समझाया।” —पुस्तक से