रमई एक गरीब और बूढ़ालकड़ी का कारीगर था। वह कठपुलियाँ बनाकर अपनी जीविका चलाता था। एक दिन वह अपनी दुकान में कठपुतली बना रहा था। अचानकलकड़ी से चीख जैसी आवाज आनेलगी, ‘‘आह, तकलीफ होती है!’’ रमई को यह देखकर हैरानी हुई किलकड़ी जीवित है। उसकी खुशी का ठिकाना नहीं था, क्योंकि उसने सचमुच की एक कठपुतली बनाई थी। उसने उस कठपुतली का नाम ‘पिनोकियो’ रखा।