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डॉ. मनीष रंजन, 2002 वर्ष के आई.ए.एस. ऑफिसर हैं । वे वर्तमान में झारखंड सरकार में कार्यरत हैं। इन्होंने झारखंड के विभिन्न जिलों में उपायुक्त-सह-जिला अधिकारी के रूप में सफलतापूर्वक काम किया है। इन्होंने नेतरहाट विद्यालय, नेतरहाट एवं पटना कॉलेज, पटना से शिक्षा अर्जित करने के पश्चात् हिंदू कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा प्राप्त की । IRMA गुजरात से एम.बी.ए. डिग्री प्राप्त करने के पश्चात् इन्होंने मैनेजमेंट स्टडीज में पी- एच.डी. की उपाधि हासिल की। डॉ. रंजन ने कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी, बर्कले, अमेरिका से पब्लिक अफेयर में मास्टर डिग्री अर्जित की है | ब्रिटिश सरकार की लब्धप्रतिष्ठित Chevening fellowship अर्जित कर ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में अध्ययन किया। इसके अतिरिक्त डॉ. रंजन ने जॉन्स हापकिंस यूनिवर्सिटी, अमेरिका, फ्रेकफर्ट स्कूल ऑफ फाइनेंस एंड मैनेजमेंट, जर्मनी, इंटरनेशनल ट्रेनिंग सेंटर, तुरीन, इटली एवं कोरिया डेवलपमेंट इन्स्टीट्यूट, सियोल, दक्षिण कोरिया में प्रशिक्षण हासिल किया है । विश्व बैंक, वॉशिंगटन डी.सी. के द्वारा कृषि के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी के व्यापक उपयोग की संभावना पर इनकी परियोजना को व्यापक रूप से सराहा गया है। प्रोफेशनल कैरियर में इन्हें आई.ए.एस. की मेरिट में प्रथम स्थान प्राप्त करने के लिए ' डायरेक्टर्स गोल्ड मेडल ' से नवाजा गया है इन्हें लगातार दो वर्ष प्रधानमंत्री ' मनरेगा उत्कृष्टता पुरस्कार', भारत के महामहिम राष्ट्रपति महोदय द्वारा 'निर्मल ग्राम पुरस्कार', एशियन फेडरेशन ऑफ इंटेलेक्चुअल डिसेबिलिटीज, जापान द्वारा ' स्यर राफ्ट पुरस्कार' और शारीरिक एवं मानसिक दिव्यांगों के लिए अनुकरणीय कार्य करने के लिए भारत सरकार द्वारा 'स्पंदन पुरस्कार' से भी सम्मानित किया जा चुका है। झारखंड इनकी कर्मस्थली है, अत: इस राज्य से इनका विशेष लगाव होना सहज है। अध्ययन, अन्वेषण, और चिंतन में रुचि तथा अध्यवसाय की प्रवृत्ति ने इनके लेखकीय व्यक्तित्व को विषय बोध और संप्रेषण क्षमता, दोनों ही दृष्टियों से समृद्ध बनाया है।
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