पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे। वे न केवल एक राजनीतिज्ञ थे, वरन् भावनाओं के चितेरे कवि, कुशल पत्रकार और तार्किक साहित्यकार भी थे। उन्होंने 'पाञ्चजन्य', 'स्वदेश' और 'राष्ट्रधर्म' जैसी पत्रिकाओं का कुशलतापूर्वक संपादन किया।
अटलजी का जन्म 25 दिसंबर, 1924 को ग्वालियर के शिंदे की छावनी वाले घर में हुआ था। 25 दिसंबर वास्तव में ईसाइयों का एक प्रमुख त्योहार है और उस समय भारत पर अंग्रेजों का शासन था। अतः ईसाई धर्म को माननेवाले अंग्रेज 25 दिसंबर को बड़े जोर-शोर से क्रिसमस मना रहे थे। जिस समय युवा अटलजी ब्राह्ममुहूर्त में अटलजी का जन्म हुआ तो उस समय गिरजाघरों में घंटों की गूंज के साथ तोपों की सलामी दी जा रही थी। हालाँकि ऐसा ईसा मसीह के जन्मदिन के उपलक्ष्य में हो रहा था, परंतु ऐसा प्रतीत होता था, जैसे तोपों की यह सलामी नवजात अटलजी के जन्म के उपलक्ष्य में दी जा रही हो। संभवतः प्रकृति अपने इस संकेत से समझा रही थी कि यही नवजात शिशु आगे चलकर विश्व के एक विशाल लोकतांत्रिक देश की बागडोर सँभालेगा।