Ghati: Ghati: A Gripping Tale of Love, Betrayal and Redemption

· Prabhat Prakashan
Ebook
208
Pages
Ratings and reviews aren’t verified  Learn More

About this ebook

आजादी के समय एक ओर तो हर्ष था कि वर्षों की गुलामी खत्म हुई और अंततः ब्रिटिश राज समाप्त हुआ, अब अपने देश में हमारा अपना राज होगा, लेकिन यह आजादी बँटवारे का दर्द साथ लेकर आई। उस समय मानवता ने हिंसा का वो चरम देखा, जिसे आज भी सुनकर या पढ़कर आत्मा काँप उठती है। हमें आजादी मिली जरूर, लेकिन उसकी बहुत बड़ी कीमत भी चुकानी पड़ी। सीमा रेखा के दोनों पार मानवता की इतनी लाशें गिरीं कि गिनना भी नामुमकिन था। हिंदू-मुसलिम के नाम पर न जाने कितने अत्याचार हुए, औरतों का जीवन नरक से भी बदतर बना दिया गया, बच्चे यतीम हो गए। कुछ ही जिंदा सरहद पार कर रहे थे, उससे ज्यादा तो मुर्दे यहाँ से वहाँ बँटवारे की भेंटस्वरूप भेजे जा रहे थे। दोनों पार लाशों से भरी ट्रेनें, ट्रक के ट्रक मुर्दों से भरे हुए, नदी में तैरती खोपड़ियाँ...कितना बीभत्स था यह विभाजन।
बात यहीं पर नहीं रुकी। सांप्रदायिक हिंसा की यह आँधी समय-समय पर चलती रही। सन् 1984 में सिखों के साथ हुए अत्याचार की पराकाष्ठा इसी बात से लगाई जा सकती है कि दो सिख अपराधियों का बदला पूरे समुदाय के साथ लिया गया। देश की इतनी बड़ी हस्ती की हत्या हो जाना कोई मामूली बात नहीं थी, लेकिन उस हत्या के बदले पूरे सिख समुदाय पर हमला कर देना और उनकी नृशंस हत्या किया जाना भी कोई मामूली घटना नहीं थी। अमानवीयता की सारी हदें पार कर दी गई थीं। लूटपाट से शुरू हुई घटनाएँ कुछ ही घंटों में हिंसा में तब्दील हो गईं। बेरहमी से अंगों को काटा गया, मिट्टी का तेल डालकर, पेड़ से बाँधकर, टायरों और बोरों में डालकर जिंदा जला दिया गया। बदले की इस हिंसा को लोगों ने खुली आँखों से देखा।
धर्म, संप्रदाय, पंत, मजहब आदि मनुष्यों ने ही बनाए हैं। हमारे पुरखों ने हमें संगठित और मर्यादित रखने के लिए, सभी को अपने समान समझकर उसके साथ सहिष्णु बने रहने के लिए धर्म की परिकल्पना की होगी और यह अस्तित्व में आया होगा, लेकिन आज का इनसान इन्हीं सबसे उलट करने में लगा हुआ है। हम चाहे किसी भी धर्म को देख लें, चाहे किसी भी धार्मिक ग्रंथ को पढ़ लें, सभी प्रेम और इनसानियत की ही बात करते हैं, लेकिन दिक्कत तो इसी बात की है कि दूसरे धर्म और उनके धार्मिक ग्रंथों को तो छोड़ो, आजकल का मनुष्य तो अपने ही धर्म और अपने ही धार्मिक ग्रंथों की शिक्षाओं को समझ नहीं पाता।

Ghati by Dr. Rashmi: "Ghati" is a book authored by Dr. Rashmi, which offers readers a unique literary experience. This work, although not widely known, holds its own charm and significance, drawing readers into its narrative. While specific details about the book's content are limited, it invites readers to explore its pages and discover the world it unveils.

Key Aspects of the Book "Ghati":
Intriguing Narrative: "Ghati" presents an intriguing narrative that captivates readers and invites them to delve into its storyline.
Author's Perspective: Dr. Rashmi's writing reflects a distinct perspective and creative expression, making the book a unique literary endeavor.
Literary Exploration: "Ghati" offers an opportunity for literary exploration, inviting readers to uncover the themes and insights concealed within its pages.

Dr. Rashmi is the author of "Ghati," and while specific biographical details may be limited, her work beckons readers to embark on a literary journey through her narrative.

About the author

Dr. Rashmi is the author of "Ghati," and while specific biographical details may be limited, her work beckons readers to embark on a literary journey through her narrative.

Rate this ebook

Tell us what you think.

Reading information

Smartphones and tablets
Install the Google Play Books app for Android and iPad/iPhone. It syncs automatically with your account and allows you to read online or offline wherever you are.
Laptops and computers
You can listen to audiobooks purchased on Google Play using your computer's web browser.
eReaders and other devices
To read on e-ink devices like Kobo eReaders, you'll need to download a file and transfer it to your device. Follow the detailed Help Center instructions to transfer the files to supported eReaders.

More by Dr. Rashmi

Similar ebooks