Kaatal Point (Sushi Katha)

· Sushi Katha पुस्तक 20 · Storyside IN · Sanket Mhatre की आवाज़ में
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'तो हा- आजचा दिवस का?' 'होय. दर श्रावणातल्या अमावस्येला ही पॅसेंजर आपोआअप 'कातळ पॉईन्ट'ला थांबतेच! इंजिनपासून सहाव्या डब्यात क्रांतिकारक होते. दर वेळी सहाव्या डब्यातल्या लोकांना वेगळं, विचित्र काहीतरी जाणवतं! बघ, आता स्टेशनला गाडी थांबली की सहावा डबा पूर्ण रिकामा होईल! त्यातले प्रवासी नेहमीच दुसर्‍या डब्यात पळतात! आजच्या दिवशी ड्युटीवरचा कोणताही ड्रायव्हर घाट ओलांडेपर्यंत गाडी चालवत नाही! स्टेशन आलं की गाडी आपोआप थांबेल. तिथून--- ...तिथून पुढं काय? जाणून घ्यायचे असेल तर आजच ऐका, सुहास शिरवळकर लिखित भयरोमांच कथा: कातळ पॉईंट.

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