चाणक्य कूटनीतिज्ञ होने के साथसाथ एक अर्थशास्त्री भी थे। उनके ग्रंथ ‘अर्थशास्त्र’ में एक राज्य के आदर्श अर्थतंत्र का विशद विवरण है और उसी में राजशाही के संविधान की रूपरेखा भी है। शायद विश्व में चाणक्य का ‘अर्थशास्त्र’ विधिविधानपूर्वक लिखा गया राज्य का पहला संविधान है।
चाणक्य ने राजनीति को अर्थ दिया; कूटनीति का समावेश किया; दाँवपेंच के गुर सिखाए; समाज को एक दिशा दिखाई तथा नागरिकों को आचारसंहिता दी। टुकड़ों में बँटे देश को एक विशाल साम्राज्य बनाया तथा सिकंदर के विश्वविजय के सपने को भारत में ही दफना दिया और एक साधारण व्यक्ति को राह से उठाकर मगध का सम्राट् बनाकर देश की समृद्धि में श्रीवृद्धि की।
चाणक्य विश्व के प्रथम मैनेजमेंट गुरु थे। उन्होंने जीवन के हर क्षेत्र में कुशल प्रबंधन का रास्ता दिखाया। उनके बताए सूत्रों और जीवनमंत्रों के आधार पर आज भी कैसे अपने जीवन का सही प्रबंधन करके हम सफल हो सकते हैं; इसी बात को इस पुस्तक के जरिए बताने का प्रयास किया गया है। शासन; राज्य; परिवार; समाज; वित्त; सुरक्षा—सभी विषयों पर प्रस्तुत हैं महान् आचार्य चाणक्य के मैनेजमेंट सूत्र; जो आपकोे जीवन के संघर्षों से जूझने की शक्ति प्रदान करेंगे।चाणक्य कूटनीतिज्ञ होने के साथसाथ एक अर्थशास्त्री भी थे। उनके ग्रंथ ‘अर्थशास्त्र’ में एक राज्य के आदर्श अर्थतंत्र का विशद विवरण है और उसी में राजशाही के संविधान की रूपरेखा भी है। शायद विश्व में चाणक्य का ‘अर्थशास्त्र’ विधिविधानपूर्वक लिखा गया राज्य का पहला संविधान है।
चाणक्य ने राजनीति को अर्थ दिया; कूटनीति का समावेश किया; दाँवपेंच के गुर सिखाए; समाज को एक दिशा दिखाई तथा नागरिकों को आचारसंहिता दी। टुकड़ों में बँटे देश को एक विशाल साम्राज्य बनाया तथा सिकंदर के विश्वविजय के सपने को भारत में ही दफना दिया और एक साधारण व्यक्ति को राह से उठाकर मगध का सम्राट् बनाकर देश की समृद्धि में श्रीवृद्धि की।
चाणक्य विश्व के प्रथम मैनेजमेंट गुरु थे। उन्होंने जीवन के हर क्षेत्र में कुशल प्रबंधन का रास्ता दिखाया। उनके बताए सूत्रों और जीवनमंत्रों के आधार पर आज भी कैसे अपने जीवन का सही प्रबंधन करके हम सफल हो सकते हैं; इसी बात को इस पुस्तक के जरिए बताने का प्रयास किया गया है। शासन; राज्य; परिवार; समाज; वित्त; सुरक्षा—सभी विषयों पर प्रस्तुत हैं महान् आचार्य चाणक्य के मैनेजमेंट सूत्र; जो आपकोे जीवन के संघर्षों से जूझने की शक्ति प्रदान करेंगे।CHANAKYA KE SUTRA AUR LEADERSHIP by MAMTA JHA: "CHANAKYA KE SUTRA AUR LEADERSHIP" explores the leadership principles and strategies advocated by Chanakya, the ancient Indian philosopher and strategist. Mamta Jha offers a contemporary interpretation of Chanakya's wisdom for aspiring leaders.
Key Aspects of the Book "CHANAKYA KE SUTRA AUR LEADERSHIP":
Leadership Insights: Mamta Jha distills Chanakya's sutras (aphorisms) to provide actionable leadership insights, focusing on qualities like decisiveness, integrity, and vision.
Practical Application: The book offers guidance on how to apply Chanakya's principles to modern leadership challenges, whether in business, politics, or personal life.
Ancient Wisdom for Today: Readers can gain a deeper understanding of leadership through the lens of ancient Indian philosophy, making it relevant in contemporary contexts.
Mamta Jha brings her expertise in leadership and management to "CHANAKYA KE SUTRA AUR LEADERSHIP." Through her interpretation of Chanakya's sutras, she provides a fresh perspective on leadership for individuals seeking to excel in their roles.