वह एक सफल कवि, पत्रकार, प्रवक्ता, विचारक और ओजस्वी राजनेता के अतिरिक्त बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी हैं। वह जनसंघ के संस्थापक सदस्य रहे, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक रहे, संघ के मुख्यपत्र राष्ट्रधर्म के संपादक रहे, दशकों तक नेता प्रतिपक्ष रहे, विदेश मंत्री रहे और तीन-तीन बार भारत के प्रधानमंत्री रहें।
अटल जी ओजस्वी कवि और प्रखर वक्ता के साथ-साथ बेमिसाल नेतृत्व क्षमता के धनी पुरुष हैं एक ओर सक्रिय राजनीति में रहते हुए भी उन्होंने हृदयस्पर्शी और संवेदनशील कविताओं के द्वारा साहित्य जगत में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई, वहीं दूसरी ओर अपने खास अंदाज और भाव-भंगिमाओं के साथ दिल को छूने वाली अद्भुत भाषण क्षमता के लिए चर्चित रहें हैं।