Wah Kaun Thi

· Vani Prakashan
5,0
1 resensie
E-boek
90
Bladsye
Graderings en resensies word nie geverifieer nie. Kom meer te wete

Meer oor hierdie e-boek

हिन्दी कहानी में जब-जब कथ्य के वैविध्य की बात आयेगी, जब-जब भाषा-शिल्प के तराश की बात आयेगी, जब-जब कथारस कृति के वैभव और औदार्य, संवेदना के रस परिपाक की चर्चा चलेगी, वह संजीव की कहानियों के बिना पूरी न हो पायेगी। हिन्दी और गैर-हिन्दी, देशी या विदेशी किसी भी भाषा या भूगोल की श्रेष्ठतम प्रतिमान हैं ये कहानियाँ । वजह है इनका विशाल फलक रेंज और डायमेंशन, इनकी मर्मभेदिनी दृष्टि, काव्यात्मक और सांगीतिक सम्मोहन। तभी तो बंगाल से लेकर राजस्थान और कश्मीर से लेकर केरल तक शोध छात्रों की पहली पसन्द आज भी संजीव ही हैं। वह कौन थी? उनका नवीनतम कथा संग्रह है। संग्रह में संगृहीत मैं भी जिन्दा रहना चाहता हूँ, छिनाल, रामलीला और वह कौन थी? जैसी विस्मयाभिभूत करती कहानियाँ किसी भी भाषा के लिए गौरव की वस्तु हैं। प्रारम्भ से ही हिन्दी के शिखर विद्वानों, सम्पादकों, यथा डॉ. धर्मवीर भारती, कमलेश्वर, शरद जोशी, श्रीलाल शुक्ल, सर्वेश्वर दयाल सक्सेना, मन्नू भण्डारी, राजेन्द्र यादव आदि के चहेते रहे संजीव के सम्बन्ध में प्रस्तुत हैं, उनमें से कुछ के उद्गार"तुम लिखने के लिए प्रेरित भी करते हो और हतोत्साहित भी कि लिखो तो ऐसा लिखो, वरना मत लिखो।"


Graderings en resensies

5,0
1 resensie

Meer oor die skrywer

संजीव 38 वर्षों तक एक रासायनिक प्रयोगशाला, 7 वर्षों तक 'हंस' समेत कई पत्रिकाओं के सम्पादन और स्तम्भ-लेखन से जुड़े संजीव का अनुभव संसार विविधता से भरा हुआ है, साक्षी हंम उनकी प्रायः 150 कहानियाँ और 12 उपन्यास। इसी विविधता और गुणवत्ता ने उन्हें पाठकों का चहेता बनाया है। इनकी कुछ कृतियों पर फिल्में बनी हैं, कई कहानियाँ और उपन्यास विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रमों में हैं। अपने समकालीनों में सर्वाधिक शोध भी उन्हीं की कृतियों पर हुए हैं। 'कथाक्रम', 'पहल', 'अन्तरराष्ट्रीय इन्दु शर्मा', 'सुधा-सम्मान' समेत अनेक पुरस्कारों से सम्मानित... । नवीनतम है हिन्दी साहित्य के सर्वोच्च सम्मानों में से एक इफको का श्रीलाल शुक्ल स्मृति साहित्य सम्मान-2013। अगर कथाकार संजीव की भावभूमि की बात की जाये तो यह उनके अपने शब्दों में ज्यादा तर्कसंगत, सशक्त और प्रभावी होगा-“मेरी रचनाएँ मेरे लिए साधन हैं, साध्य नहीं। साध्य है मानव मुक्ति।”

Gradeer hierdie e-boek

Sê vir ons wat jy dink.

Lees inligting

Slimfone en tablette
Installeer die Google Play Boeke-app vir Android en iPad/iPhone. Dit sinkroniseer outomaties met jou rekening en maak dit vir jou moontlik om aanlyn of vanlyn te lees waar jy ook al is.
Skootrekenaars en rekenaars
Jy kan jou rekenaar se webblaaier gebruik om na oudioboeke wat jy op Google Play gekoop het, te luister.
E-lesers en ander toestelle
Om op e-inktoestelle soos Kobo-e-lesers te lees, moet jy ’n lêer aflaai en dit na jou toestel toe oordra. Volg die gedetailleerde hulpsentrumaanwysings om die lêers na ondersteunde e-lesers toe oor te dra.