Gulamohar ki Chhanv

· Orangebooks Publication
4.5
4 reviews
Ebook
128
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About this ebook

Novel Gulmohar Ki Chhanv narrates love story of idealistic poet Mayank and announcer Shefali. On provocation of Pranavda,Mayank takes challenge of rural development and succeeds the with help of Dr.Divya and youth brigade of one cultural organization. This rural awareness harts interest of Pranav who spreads rumors of Mayank-Divya affair to Shefali and Shefali-Divakar affair to Mayank and create confusion in their pure love relations. Pranav also instigate villagers to attack Mayank and runs away. Mayank recovers after treatment but these false rumors becomes obstacle in love life but after clearing misunderstandings Mayank and Shefali meets forever.

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विवेक रंजन 'विवेक '
March 28, 2022
समीक्षाकार : भावना सिंह ‘’भावनार्जुन ।। साहित्यककार एवं स्वातन्त्रव पत्रकार उपन्यास ‘गुलमोहर की छांव ‘ एक प्रेम-कथा है, मयकं और शेफाली इस कथा के नायक एवं नायिका हैं । शहर की गहमागहमी से दूर स्थित वोट क्लब गार्डन के प्रांगण में अपनी हरी भरी शाखायें फैलाये बड़ी ही शान से खड़ा गुलमोहर के वृक्ष की ठंडी छांव में पड़ी बेंच के माध्यम से इस प्रेम कहानी का प्रारम्भ़ होता है और इस कथासागर की पूरी परिक्रमा करके इस कहानी का परायण भी लौट कर इसी बेंच पर ही होता है । किन्तु जैसा कि हम सभी जानते हैं कि जीवन के रास्ते हमेशा सीधे ही नही होते हैं बल्कि इसमें बाधाओं के रूप में अनगिनत मोड़ एवं उतार चढ़ाव भी आते हैं । और इस उपन्यास की एक खासियत ये भी है कि इसमें लेखक ने बाधाओं के रूप में बहुत ही सार्थक समस्यायों का चुनाव किया है । जो वर्तमान में भी हमारे देश की तरक्की के मुख्य रोड़े हैं , जैसे बेरोजगारी , अशिक्षा , अज्ञानता , भ्रष्टाचार एवं शोषण । इन सभी समस्याओं को लेखक ने बखूबी कहानी में पिरोकर कुछ इस तरह से उजागर किया है कि वो पूर्ण सार्थकता के साथ पाठक की सहमति बहुत ही सहजता से जीत कर कहानी का एक नया मोड़ उजागर करतीं हैं । बहुत ही मंझे हुये एक अनुभवी कलाकार की तरह लेखक ने बड़ी बारीकी एवं हुनर के साथ इस उपन्यास के एक-एक फंदें को बहुत ही खूबसूरती व पूरे धैर्य के साथ बुना है ,इसमें कहीं कोई झोल की गुंजाइश भी नहीं है , भाषा एकदम सरल व सहज है । कहानी जैसे पाठक का हाथ थाम कर बड़ी ही सहजता से उसे एक लयबद्ध्ता से कदम बढ़ाती हुई अंत तक सुगमता से ले जाती है , अंतत: पाठक यह कह सकता है कि ये उपन्यास लेखक का एक सफल प्रयास है । हमारी शुभकामनायें श्री विवेक रंजन ‘’विवेक’’ जी के साथ हैं , आप निरंतर इसी प्रकार से लिखते रहें एवं आपके लेखन का प्रकाश चहुं ओर विस्तारित होता रहे ।
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About the author

Vivek Ranjan ‘Vivek’ born-16 may 1963, Jabalpur (M.P.) Grandson of Acharya Hajari Prasad Dwivedi and Acharya Vishwanath Dwivedi ,author Vivek Ranjan “ Vivek” inspired from them and became interested in Hindi Literature. His parents always encouraged him to further improve his writings. During college days his poems, articles were regularly published in daily news papers. “Gulmohar ki Chhanv” is his first novel. Besides India author has also got opportunity to work in countries like Nepal,Botswana,Ethiopia,Brazil and Tanzania during his continued career span of more than 34 years. Currently as Quality control consultant he is associated in Cement industry.

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