जन्म : 21 जून, 1912 को मीरापुर, जिला मुजफ्फरनगर (उ.प्र.) में। शिक्षा : चंदूलाल एंग्लोवैदिक हाई स्कूल, हिसार से मैट्रिक, तत्पश्चात् नौकरी करते हुए पंजाब विश्वविद्यालय से भूषण, प्राज्ञ, विशारद, प्रभाकर आदि की हिंदीसंस्कृत परीक्षाएँ उत्तीर्ण कीं। फिर यहीं से बी.ए. भी किया। रचनासंसार : कहानी, उपन्यास, नाटक, जीवनी, निबंध, एकांकी, यात्रावृत्तांत आदि प्रमुख विधाओं में लगभग सौ कृतियाँ हिंदी को दीं हैं। सम्मानपुरस्कार : ‘आवारा मसीहा’ सर्वाधिक चर्चित जीवनी है, जिस पर उन्हें ‘पाब्लो नेरूदा सम्मान’, ‘सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार’ सदृश अनेक देशीविदेशी पुरस्कार मिले। प्रसिद्ध नाटक ‘सत्ता के आरपार’ पर उन्हें भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा ‘मूर्तिदेवी पुरस्कार’ मिला तथा हिंदी अकादमी, दिल्ली द्वारा ‘शलाका सम्मान’ भी। उन्हें उ.प्र. हिंदी संस्थान के ‘गांधी पुरस्कार’ तथा राजभाषा विभाग, बिहार के ‘डॉ. राजेंद्र प्रसाद शिखर सम्मान’ से भी सम्मानित किया गया। देशविदेश की अनेक यात्राएँ करनेवाले विष्णुजी जीवनपर्यंत पूर्णकालिक मसिजीवी रचनाकार के रूप में साहित्यसाधनारत रहे। स्मृतिशेष : 12 अप्रैल, 2009।