Stuti Suman: Stuti Suman: A Spiritual Journey through Devotion and Worship

· Prabhat Prakashan
4.8
9 reviews
Ebook
240
Pages
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नव जीवन को समुन्नत और श्रेष्ठ बनाने तथा परमात्मा की कृपा पाने के लिए हमारे ऋषि-मुनियों ने अनेक उपाय विकसित किए। मंत्र; प्रार्थना और स्तुति उनमें से एक है।
वेदों में हजारों मंत्र विभिन्न देवी-देवताओं को संबोधित किए गए हैं। ये सभी देवी-देवता एक ही परमात्मा के विभिन्न नाम-रूप हैं। भक्त सांसारिक दुःखों से छुटकारा पाने और भवसागर से पार जाने के लिए श्रद्धा और भक्ति के साथ किसी भी देवी-देवता की स्तुति कर सकता है। छोटी सी प्रार्थना हमारे जीवन का रूपांतरण कर देती है।
विदुषी लेखिका ने भक्तों के आध्यात्मिक उत्थान के लिए 160 लोकप्रिय मंत्रों और प्रार्थनाओं का संकलन उनके हिंदी-अंग्रेजी अर्थ सहित ‘स्तुति सुमन’ में किया है। इसमें इष्ट देवों की बहुलता और स्तुतियों की विविधता का पूरा ध्यान रखा गया है। जीवन के हर क्षण को धर्ममय बनाने के लिए जागरण; भोजन और शयन के मंत्रों को समाविष्ट किया गया है। गायत्री मंत्र; ओऽम्कार मंत्र; महामृत्युंजय मंत्र; सर्वकल्याण मंत्र; नवग्रह मंत्र और दीप-स्तुति आदि के द्वारा प्रार्थना के हर पक्ष को प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है।
हमें विश्वास है कि विभिन्न देवी-देवताओं और पूजा-अनुष्ठानों से संबंधित ये प्रार्थनाएँ हमारे समाज के आध्यात्मिक उत्थान में सहायक सिद्ध होंगी।

Ratings and reviews

4.8
9 reviews
Anurag Mathur
November 22, 2017
The collection of all mantras and slokas is precious and the translation has made it more significant. Wonderful book for all who believe in enlightenment and upliftment of soul by divine prayers.
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March 26, 2019
"प्रांजलीरांजनेयम" का अर्थ क्या है और हम ये शब्द कहाँ पा सकते हैं?
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November 20, 2017
I want buy the best book
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About the author

डॉ. विनोद बाला अरुण मनोविज्ञान, हिंदी और संस्कृत में एम.ए. हैं। उन्होंने ‘वाल्मीकि रामायण और रामचरितमानस के नैतिक मूल्य और उनका मॉरीशस के हिंदू समाज पर प्रभाव’ पर पी-एच.डी. की है। वे महात्मा गांधी संस्थान में संस्कृत और भारतीय दर्शन की वरिष्ठ व्याख्याता रह चुकी हैं। डॉ. विनोद बाला अरुण भारत और मॉरीशस के संयुक्त सहयोग से स्थापित ‘विश्व हिंदी सचिवालय’ की प्रथम महासचिव रहीं। सेवा-निवृत्ति के बाद संप्रति ‘रामायण सेंटर’ की उपाध्यक्षा का दायित्व मानद रूप में सँभाल रही हैं। उनकी सामाजिक, सांस्कृतिक और साहित्यिक गतिविधियाँ बहुआयामी हैं। वे सामाजिक, सांस्कृतिक और दार्शनिक विषयों पर प्रवचन करती हैं। रेडियो पर नवनीत, चयनिका, प्रार्थना, जीवन ज्योति और आराधना कार्यक्रमों में क्रमशः भक्त कवियों के पदों की व्याख्या, हिंदी साहित्य की विवेचना, उपनिषदों की व्याख्या द्वारा भारतीय दर्शन का तत्त्व चिंतन व संस्कृत की सूक्तियों का आधुनिक संदर्भों में मूल्यांकन और भक्ति गीतों का भाव निरूपण करती हैं। डॉ. अरुण ने ‘मॉरीशस की हिंदी कथा यात्रा’ में मॉरीशस की हिंदी कथा का आलोचनात्मक इतिहास लिपिबद्ध किया है। डॉ. अरुण अनेक अंतरराष्ट्रीय सम्मानों से विभूषित हैं, जिनमें ‘मानस संगम साहित्य सम्मान’, विश्व हिंदू परिषद्, मॉरीशस द्वारा ‘धर्म भूषण’, अखिल विश्व हिंदी समिति, न्यूयॉर्क द्वारा ‘साहित्य शिरोमणि’ और उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान का ‘प्रवासी भारतीय हिंदी भूषण सम्मान’ प्रमुख हैं।

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