reportমূল্যাংকন আৰু পৰ্যালোচনা সত্যাপন কৰা হোৱা নাই অধিক জানক
এই ইবুকখনৰ বিষয়ে
यह पुराण सर्वप्रथम भगवान् वराह ने पृथ्वी को सुनाया था, इसी कारण इसे –वराह पुराण’ कहा जाता है। वस्तुत भगवान् विष्णु ने ही पृथ्वी के उद्धार के लिए वराहावतार धारण किया था। इस अवतार में भगवान् वराह ने हिरण्याक्ष नामक दैत्य का वध कर पृथ्वी को एक सहस्र वर्ष तक अपने विशालमुख पर धारण किया था। इसके बाद नियम स्थान पर स्थापित होने के पश्चात पृथ्वी द्वारा भगवान् वराह के स्वरूप से संबंधित अपनी जिज्ञासाओं को प्रस्तुत करने पर भगवान वराह ने उन्हें पौराणिक तथा गूढ़ ज्ञान का उपदेश दि︎या था। भगवान् वराह द्वारा पृथ्वी को दि︎ए गए उसी दि︎व्य ज्ञान का इस पुराण पुराण में विस्तृत विवेचन किया गया है।
মূল্যাংকন আৰু পৰ্যালোচনাসমূহ
৪.৬
১০ টা পৰ্যালোচনা
৫
৪
৩
২
১
লিখকৰ বিষয়ে
এই ইবুকখনক মূল্যাংকন কৰক
আমাক আপোনাৰ মতামত জনাওক।
পঢ়াৰ নির্দেশাৱলী
স্মাৰ্টফ’ন আৰু টেবলেট
Android আৰু iPad/iPhoneৰ বাবে Google Play Books এপটো ইনষ্টল কৰক। ই স্বয়ংক্রিয়ভাৱে আপোনাৰ একাউণ্টৰ সৈতে ছিংক হয় আৰু আপুনি য'তে নাথাকক ত'তেই কোনো অডিঅ'বুক অনলাইন বা অফলাইনত শুনিবলৈ সুবিধা দিয়ে।