तत्त्वज्ञान जैसे जटिल एवं गहन विषय पर अधिकारपूर्वक लिखना किसी अनुभवी योगी या तत्त्वज्ञानी के द्वारा ही संभव है. शास्त्रों एवं संतो द्वारा एकस्वर से स्वीकार किया गया है कि मानव जीवन की चरम सार्थकता इसी में है कि वो दृढ़ अभ्यास के द्वारा तत्त्वज्ञान प्राप्त करके अपने मूल स्वरूप को उपलब्ध हो जाए. योगी श्री आनन्द जी ने प्रस्तुत पुस्तक "तत्वज्ञान" में विषय की बारीकी से विवेचना की है. समाधि और ज्ञान के बारे में ऐसी सूक्ष्म एवं दुर्लभ जानकारी सहज ही पाठक को मंत्रमुग्ध कर देती है. वास्तव में यह पुस्तक योगी श्री आनन्द जी की विशेषता को भी प्रकट करती है. साधना में थोड़ी उन्नति होने से या सिर्फ पुस्तकीय ज्ञान से जो लोग तत्वज्ञानी होने के भ्रम में जी रहे हैं उनके लिए यह पुस्तक औषधि की तरह है. कुल मिलाकर यह पुस्तक योगी श्री आनन्द जी के अनुभव-सागर से निकला हुआ ऐसा रत्न है जो दीर्घकाल तक साधकों को साधना पथ पर चलने की प्रेरणा देता रहेगा.
صحة وعقل وجسد
التقييمات والتعليقات
4.8
135 مراجعة
5
4
3
2
1
نبذة عن المؤلف
Yogi Anand Ji is a living legend of yogic practices. He is a tattvagyani yogi owing to his intense sadhana and samadhi. He has played a vital role in transforming lives of many sadhakas across the globe.
تقييم هذا الكتاب الإلكتروني
أخبرنا ما هو رأيك.
معلومات القراءة
الهواتف الذكية والأجهزة اللوحية
ينبغي تثبيت تطبيق كتب Google Play لنظام التشغيل Android وiPad/iPhone. يعمل هذا التطبيق على إجراء مزامنة تلقائية مع حسابك ويتيح لك القراءة أثناء الاتصال بالإنترنت أو بلا اتصال بالإنترنت أينما كنت.
أجهزة الكمبيوتر المحمول وأجهزة الكمبيوتر
يمكنك الاستماع إلى الكتب المسموعة التي تم شراؤها على Google Play باستخدام متصفح الويب على جهاز الكمبيوتر.
أجهزة القراءة الإلكترونية والأجهزة الأخرى
للقراءة على أجهزة الحبر الإلكتروني، مثل أجهزة القارئ الإلكتروني Kobo، عليك تنزيل ملف ونقله إلى جهازك. يُرجى اتّباع التعليمات المفصّلة في مركز المساعدة لتتمكّن من نقل الملفات إلى أجهزة القارئ الإلكتروني المتوافقة.