आपने पुलिस सेवा में आने का निर्णय क्यों किया? पद, ताकत अथवा हैसियत के लिए? यदि हाँ तो जनता का महत्त्व आपकी नजर में बहुत कम होगा, परंतु यह जनता की सेवा के लिए तो फिर आपके विचार आम लोगों पर केंद्रित होंगे। सबसे पहले हमें इस प्रश्न को खुद से पूछना चाहिए कि हम सरकारी सेवा में क्यों आए हैं? आपके लिए क्यों यह नौकरी मायने रखती है? यदि आपके मन से आवाज आती है कि आप जनता की सेवा करने आए हैं तो फिर आगे क्या करना है? किसी को आपको यह बताने की जरूरत नहीं है कि आपको लोगों की सेवा क्यों करनी चाहिए, क्योंकि आप इसे ऐसे ही बिताएँगे।
किरण बेदी कहती हैं, “मेरे लिए पुलिस अधिकारी होना ही महत्त्वपूर्ण नहीं है, बल्कि इससे ज्यादा महत्त्व इस बात का है कि मैं उस स्थिति में हूँ, जहाँ से मैं अपने लिए समुचित मानसिक व भौतिक सामग्री एकत्रित कर सकती हूँ। इस स्थिति में होने के कारण मैं मामलों का मूल्यांकन कर सकती हूँ, स्वयं निर्णय ले सकती हूँ और फलस्वरूप बिना किसी को दोषी ठहराए परिणाम को भोग या झेल सकती हूँ। मैंने कोशिश करके अब वह पद पा लिया है। अब मुझे किसी बात का इंतजार करने तथा औरों से कुछ माँगने की जरूरत नहीं है।