Suraj Chacha Haay Haay: Poetry

· Uttkarsh Prakashan
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बाल कविताएं बालकों के मन के तार इस तरह से झंकृत कर जाती है कि उनके कोमल मन की वीणा बज उठती है । उनके मर्मस्थलों का स्पर्श कर उसके सुप्त भावों को जगाती है और उस पर अमिट प्रभाव छोड़ती है। कवि ने अपने चिंतन से 51 बाल-कविताओं की अद्भुत काव्य-फसल को पोषित करता है, जो दुर्लभ कार्य है । बच्चों को आकर्षित करने वाला काव्य लिखना वास्तव में देश और समाज को दिशा देना है। रचनाकार योगेन्द्र प्रताप सिंह ने बच्चों के कोमल मन के भावों को काव्य रूप में ढालकर सरल शब्दों में पाठकों के समक्ष प्रस्तुत किया है । उनका ध्येय अपनी रचनाओं के माध्यम से जहां एक तरफ बच्चों का स्वस्थ मनोरंजन करना है, वहीं उनके मस्तिष्क का विकास कर उन्हें सिखलाना भी है । बच्चे खेल-खेल में अधिक सीख जाते हैं । यही कार्य कवि ने किया है। प्रेरणादायक छोटी-छोटी आसान कविताओं के माध्यम से उन्होंने बाल पाठकों के हृदय में जगह बनाने का प्रयास किया है जो सफल होकर रहेगा । बाल काव्य संग्रह ‘सूरज चाचा हाय-हाय’ में रचनाकार श्री योगेन्द्र प्रताप सिंह ने बाल-पाठकों को तृप्त करने की सारी पाठ्य सामिग्री रोचक अंदाज में प्रस्तुत की है, जो निश्चय ही पाठकों की नव्ज टटोलने में सफल साबित होगी ।

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