Badon Ke Liye Garbhasanskar: 10 Avatar Ka Janma Aapke Andar (Hindi Edition)

· WOW PUBLISHINGS PVT LTD
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About this ebook

जिस तरह संसार में जन्म लेने से पूर्व गर्भ में पल रहे नवजात शिशु पर नौ महीने गर्भ संस्कार किए जाते हैं, वैसे ही आपको भी इस ग्रंथ से मार्गदर्शन पाकर फिर से नौ महीने गर्भ में रहने का मौका मिलेगा। यह पढ़कर चौकिए मत बल्कि इस ज्ञान रूपी गर्भ का पूरा-पूरा लाभ लें। इसी से आपके पुराने संस्कार मिटते जाएँगे और नए संस्कार बनते जाएँगे। वरना लोगों की यह धारणा होती है कि गर्भसंस्कार केवल गर्भवती स्त्री के लिए जानने योग्य है। वे सोचते हैं, ‘बच्चा जब गर्भ में है तब गर्भसंस्कार हो।’ जबकि हकीकत यह है बचपन से लेकर बड़े होने तक इंसान की जो भी आदतें बन चुकी होती हैं, वे गलत वृत्तियों में परिवर्तित हो चुकी होती हैं। जिनसे मुक्ति पाने हेतु बड़ों पर भी गर्भ संस्कार होना जरूरी है और यह संभव है। इसी का रास्ता है यह ग्रंथ।

अधिकांश लोगों ने सत्यवान-सावित्रीकी पौराणिक कथा सुनी होगी। क्या आप जानते हैं कि उस कथा में आपके लिए कौैनसे अदृश्य इशारे छिपे हुए हैैंं? कथा की हर घटना आपको कोई न कोई संकेत देती है, सत्य की ओर इशारा करती है। यह पुस्तक सत्यवान-सावित्री की पौराणिक कथा पर आधारित है। हकीकत में सावित्री हमारे शरीर का प्रतीक है। हर शरीर फिर वह स्त्री हो या पुरुष, सावित्री है और सत्यवान तेज अनुभव (ईश्वर) है।

सत्यवान-सावित्री की इस कथा को नए रूप में प्रस्तुत करके, आपको अपने अंदर के दस मूल विकारों से मुक्त करवाने का प्रयास इस ग्रंथ द्वारा किया जा रहा है। इन विकारों को मिटाने के लिए आपको दस अवतारों की जरूरत है, आपमें इन दस अवतारों को जगाने का कार्य यह ग्रंथ करेगा।

Ratings and reviews

4.2
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Dinesh Gupta
February 26, 2024
जीवन पथ पर सफर को सुगम तरीके से पुरा करने का मार्गदर्शक है यह पुस्तक | साभार सरश्री 🙏🙏
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Vivek Mandaliya
March 2, 2024
best book
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About the author

सरश्री की आध्यात्मिक खोज का सफर उनके बचपन से प्रारंभ हो गया था। इस खोज के दौरान उन्होंने अनेक प्रकार की पुस्तकों का अध्ययन किया। इसके साथ ही अपने आध्यात्मिक अनुसंधान के दौरान अनेक ध्यान पद्धतियों का अभ्यास किया। उनकी इसी खोज ने उन्हें कई वैचारिक और शैक्षणिक संस्थानों की ओर बढ़ाया। इसके बावजूद भी वे अंतिम सत्य से दूर रहे।


उन्होंने अपने तत्कालीन अध्यापन कार्य को भी विराम लगाया ताकि वे अपना अधिक से अधिक समय सत्य की खोज में लगा सकें। जीवन का रहस्य समझने के लिए उन्होंने एक लंबी अवधि तक मनन करते हुए अपनी खोज जारी रखी। जिसके अंत में उन्हें आत्मबोध प्राप्त हुआ। आत्मसाक्षात्कार के बाद उन्होंने जाना कि अध्यात्म का हर मार्ग जिस कड़ी से जुड़ा है वह है - समझ (अंडरस्टैण्डिंग)।


सरश्री कहते हैं कि ‘सत्य के सभी मार्गों की शुरुआत अलग-अलग प्रकार से होती है लेकिन सभी के अंत में एक ही समझ प्राप्त होती है। ‘समझ’ ही सब कुछ है और यह ‘समझ’ अपने आपमें पूर्ण है। आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्ति के लिए इस ‘समझ’ का श्रवण ही पर्याप्त है।’


सरश्री ने ढाई हज़ार से अधिक प्रवचन दिए हैं और सौ से अधिक पुस्तकों की रचना की हैं। ये पुस्तकें दस से अधिक भाषाओं में अनुवादित की जा चुकी हैं और प्रमुख प्रकाशकों द्वारा प्रकाशित की गई हैं, जैसे पेंगुइन बुक्स, हे हाऊस पब्लिशर्स, जैको बुक्स, हिंद पॉकेट बुक्स, मंजुल पब्लिशिंग हाऊस, प्रभात प्रकाशन, राजपाल अॅण्ड सन्स इत्यादि।

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