भारत को 1947 में मिली आजादी ऐतिहासिक है। इसके साथ ही पाकिस्तान का जन्म हुआ और कश्मीर बना, मुख्य विवाद का केंद्र। पिछले छः दशकों में कश्मीर शेष भारत से अलग सियासी हलचलों एवं आतंकी गतिविधियों के कारण कौतूहल का विषय रहा है। कश्मीर समस्या से जुड़े सभी पहुलओं पर अनेक राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय लेखकों ने कलम चलाई है। पर सतीश वर्मा ने इस पर शोध किया है। उन्होंने अंग्रेजी में 'AN ENCOUNTER WITH PAKISTAN REALITY' और हिंदी में ‘पाकिस्तान की हकीकत से रू-ब-रू’ नामक पुस्तक लिखी है। कई वर्षों से कश्मीर में एक सक्रिय पत्रकार रहते हुए उन्होंने जो कुछ भी अनुभव एवं अवलोकित किया, उसे इस पुस्तक के माध्यम से सामने लाने की कोशिश की है। कश्मीर के जन्म से लेकर उसके इतिहास, सामाजिक-भौगोलिक महत्त्व, राजनैतिक प्रतिनिधित्व, वहां के नागरिकों की पीड़ा और वर्तमान हालात का यथोचित व सिलसिलेवार कहानी प्रस्तुत की गयी है। धरा 370 क्या है? कश्मीर पर पाकिस्तान क्यों अपना हक जताता है जैसे कई अनुत्तरित प्रश्नों के उत्तर भी इस पुस्तक में मिलेंगे।
सन् 1931 के मुख्य शिमला समझौते, पलायनकर्ताओं की विवशता, पाकिस्तानी साजिशों का सिलसिला, आतंकी चेहरों की चालों सहित कश्मीर घाटी के दर्द, भारत सरकार का रवैया एवं आजाद कश्मीर की वास्तविकता को इस पुस्तक में सरल शब्दों में सहजता से रेखांकित किया गया है। यही कारण है कि यह महज एक पुस्तक न होकर एक दस्तावेज बन गया है।