आज जब हम सनातन धर्म ग्रंथों को पढ़ते हैं, देवी-देवताओं-अवतारों को समझने का प्रयास करते हैं तो हमारी सीमित बुद्धि में अनेक प्रश्न उठ खड़े होते हैं. सोशल मीडिया पर भी सनातन धर्म के विरुद्ध अपमान जनक टिप्पणयां की जा रही हैं. भ्रम पूर्ण तथ्य और निराधार तर्क प्रस्तुत किए जा रहे हैं. इसी दुषप्रचार की आंधी में समझ का एक दिया जलाने का प्रयास है यह संवाद. यह संवाद एक शुरुआत मात्र है. किसी अंतिम सत्य तक पहुंच जाने का आग्रह नहीं है मन में. विद्वतजन इस संवाद को आगे बढ़ाएं सनातन धर्म का मानवीय, व्यापक, वैज्ञानिक और सार्वजनीन स्वरूप निखर कर सामने आए, इसी कामना के साथ आप सभी को समर्पित है यह संवादऔर।
Fictie en literatuur
Үнэлгээ, сэтгэгдэл
5.0
2 шүүмж
5
4
3
2
1
Зохиогчийн тухай
सुधीर कुमार पांडेय भारतीय सूचना सेवा से उप-निदेशक के पद से सेवा निवृत्त सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार के विभिन्न विभागों यथा प्रकाशन विभाग, क्षेत्रीय प्रचार निदेशालय और प्रेस इनफार्मेशन ब्यूरो में कार्य किया.