Samvad Mein Safalta

· Manjul Publishing
৪.৫
২২ টা পৰ্যালোচনা
ইবুক
170
পৃষ্ঠা
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এই ইবুকখনৰ বিষয়ে

ज़रूरी नहीं है कि संवाद कि बेहतरीन योग्यताएँ नैसर्गिक हों. आप उन्हें सीख सकते हैं जिसके लिए आपको मात्र इच्छाशक्ति और संकल्प की ज़रुरत है. इस पुस्तक मैं आप सीखेंगे : अपने मौखिक और लिखित संवाद को बेहतर बनाने की रणनीतियाँ - जो जीवन के हर क्षेत्र में आपको सफलता दिलाएँगी सामने वाला जो कह रहा है उसे इस तरह सुनें कि आप उसके संदेश को पूरी तरह से समझ जाएँ आपकी बॉडी लैंग्वेज आपके संदेश को कैसे प्रभावी बनाती है अपने श्रोता कि बॉडी लैंग्वेज का अर्थ कैसे समझें अपने लिखित संवाद को स्पष्ट, सटीक, पूर्ण और पाठक के लिए ज़्यादा आकर्षक कैसे बनाएँ संवाद एकतरफ़ा मार्ग नहीं है. इसे तो दोतरफ़ा होना चाहिए, जिसमें एक पक्ष से दूसरे पक्ष तक लगातार फ़ीडबैक प्रवाहित होता रहे. रोज़मर्रा के ज़्यादातर संवाद में ग़लतफ़हमियों और ग़लत समझे जाने की काफी गुंजाइश रहती है. इस पुस्तक में डेल कारनेगी आपको सिखाते हैं कि आप अपनी बात ज़्यादा स्पष्टता, सटीकता और विश्वसनीय तरीक़े से कैसे बता सकते हैं, खास तौर पर अप्रत्याशित स्तिथियों में - ऐसी स्तिथियाँ जिनमें आत्मविश्वास, विचारों को जल्दी से व्यवस्थित करने और उन्हें विशवास के साथ व्यक्त करने कि ज़रुरत होती है. ज़्यादा प्रभावशाली तरीक़े से संवाद करना सीखें.

মূল্যাংকন আৰু পৰ্যালোচনাসমূহ

৪.৫
২২ টা পৰ্যালোচনা

লিখকৰ বিষয়ে

 डेल कार्नेगी एक अमेरिकी लेखक और व्याख्याता थे. वे सेल्फ हेल्प मूवमेंट के प्रवर्तक माने जाते हैं और सेल्स, कॉर्पोरेट प्रशिक्षण, कुशल वक्तव्य और पारस्परिक कौशल में प्रसिद्ध पाठ्यक्रमों के डेवलपर थे। मिसौरी में एक खेत पर गरीबी में पैदा हुए, वह 'हाउ टू विन फ्रेंड्स एंड इंफ्लुएंंस पीपल' (1936) के लेखक थे, जो हमेशा से ही बेस्टसेलर रही है और आज भी इसकी लोकप्रियता में कमी नहीं आई है। उन्होंने 'हाउ टू स्टॉपिंग एंड स्टार्ट लिविंग' (1948), 'लिंकन द अननोन' (1932), और कई अन्य पुस्तकें भी लिखीं। उनकी पुस्तकों में मूल विचारों में से एक यह है कि दूसरों के प्रति हमारे व्यवहार को बदलकर अन्य लोगों के व्यवहार को बदलना संभव है।

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