भारत की भूमि ऋषि - मुनियों और साधु - संतों एवं गुरुओं की भूमि रही है, जहाँ गुरुओं को भगवान से श्रेष्ठ माना जाता है। गुरुओं की इसी परंपरा और श्रृंखला में एक नाम है , श्री श्री रविशंकर जी महाराज का। पढ़िए उनके प्रेरणादायक एवं आत्मरूपांतरण करने वाले अमृत वचनों को इस पुस्तिका में।