SANJHWATI: Bestseller Book by Suryabala: SANJHWATI

· Prabhat Prakashan
3,4
5 avis
E-book
160
Pages
Les notes et avis ne sont pas vérifiés. En savoir plus

À propos de cet e-book

गोबरधन पूरे जनवासे में दूल्हा ढूँढ़ता फिरा। कहीं नहीं दिखा दूल्हा। दिखा तो एक अधेड़ रोएँदार पहलवान। गाँव के नाई से मुश्कें लगवाता हुआ और गुच्छेदार मूँछों के बीच चिर्रचिर्र हँसता हुआ।

पाँव जम गए जहाँकेतहाँ। आँखें किसी भयावने कोटर पे टँग सी गईं। तभी, ‘‘अबे लड़के! लपक के दो कसोरे बूँदी तो लाना...’’

वह बदहवास हाँफते हुए वापस मामा की ड्योढ़ी तक भागता चला आया था। चीखने, हुमसकर रो पड़ने से होंठ सिल गए।

आँगन में सुहाग वारा जा रहा था मैना जिज्जी पर। सुहागिनों के आँचल के साए में वह सिर झुकाए पीले कनेर सी मुसकरा रही थी। औरतें सुहाग गा रही थीं—‘अरे घुड़सवार! कौन है तू! जानता नहीं, पानफूल सी बहन मेरी, ऐसे ही तेरे हवाले कर दूँ’ भली कि अंदर से भइया की बहन बोली, ‘न भइया, मुझे इसी घुड़सवार के साथ जाने दे। मेरे तो भाग्य का नियंता यही, तू अब रोकना नहीं मुझे।’

—इसी संग्रह से

Notes et avis

3,4
5 avis

À propos de l'auteur

सुप्रसिद्ध कथाकार सूर्यबाला की कहानियाँ लोकमन और उसके द्वंद्व से उपजी कहानियाँ हैं, जो व्यक्तिव्यवहार और समाजचेतना से सरोकार रखती हैं और हर आयु वर्ग के पाठकों को उनकी अपनी कहानियों का आभास देती हैं। जन्म : 25 अक्तूबर, 1943, वाराणसी। रचनासंसार : पाँच उपन्यास, पंद्रह कथासंग्रह, चार व्यंग्यसंग्रह तथा स्मृतिकथा ‘अलविदा अन्ना’ के साथ बच्चों पर लिखा बाल हास्य उपन्यास ‘झगड़ा निपटारक दफ्तर’ भी अत्यंत प्रशंसित रहा। उपन्यास ‘मेरे संधिपत्र’ ‘धर्मयुग’ में धारावाहिक प्रकाशित तथा ‘यामिनीकथा’, ‘दीक्षांत’ जैसे उपन्यास स्नातकोत्तर एवं स्नातकीय पाठ्यक्रम में शामिल। कोलंबिया विश्वविद्यालय (न्यूयॉर्क), वेस्टइंडीज विश्वविद्यालय (त्रिनिनाद) एवं नेहरू सेंटर (लंदन) में कहानी तथा व्यंग्य रचनाओं का पाठ। न्यूयॉर्क के शब्दस्टार टी.वी. चैनल पर कहानी एवं व्यंग्य पाठ। सम्मानपुरस्कार : ‘सजायाफ्ता’ कहानी पर बनी टेलीफिल्म को वर्ष 2007 का सर्वश्रेष्ठ टेलीफिल्म पुरस्कार। प्रियदर्शनी पुरस्कार, घनश्यामदास सर्राफ पुरस्कार, व्यंग्यश्री पुरस्कार, रत्नीदेवी गोइनका वाग्देवी पुरस्कार, राजस्थान लेखिका मंच का वाग्मणि सम्मान, हरिशंकर परसाई स्मृति सम्मान, भारती गौरव पुरस्कार, महाराष्ट्र साहित्य अकादमी पुरस्कार एवं अन्य पुरस्कारों से सम्मानित। संपर्क : 9323168670 / 02225504927 / 9930968670

Donner une note à cet e-book

Dites-nous ce que vous en pensez.

Informations sur la lecture

Smartphones et tablettes
Installez l'application Google Play Livres pour Android et iPad ou iPhone. Elle se synchronise automatiquement avec votre compte et vous permet de lire des livres en ligne ou hors connexion, où que vous soyez.
Ordinateurs portables et de bureau
Vous pouvez écouter les livres audio achetés sur Google Play à l'aide du navigateur Web de votre ordinateur.
Liseuses et autres appareils
Pour lire sur des appareils e-Ink, comme les liseuses Kobo, vous devez télécharger un fichier et le transférer sur l'appareil en question. Suivez les instructions détaillées du Centre d'aide pour transférer les fichiers sur les liseuses compatibles.