रवि सिंह का जन्म 10 जुलाई 1996 में बिहार के (सारण) छपरा जिला के एकमा प्रखंड के एक छोटे से गांव देकुली में हुआ।
पिता श्री उमेश सिंह एक किसान है और माता श्रीमती रेनू देवी एक गृहिणी।
बचपन समान्य ही बिता जैसे और सब बच्चों का होता है।
समान्य शिक्षा गांव के सरकारी और कान्वेंट स्कूलों के अलावा मध्य प्रदेश के भोपाल शहर में हुई। दसवीं और बारहवीं की शिक्षा बिहार बोर्ड से उत्तीर्ण की।
फिर आगे की पढ़ाई लखनऊ में हुई जहां से इंजिनियरिंग की।
बाल्यवस्था से ही कोर्स के बाहर की किताबें पढने की आदत लग गई थी जैसे राज कामिक्स , चाचा चौधरी , बालहंस , चंपक, नंदन और धीरे-धीरे उसकी जगह उपन्यासों और जीवनियों ने ले ली।
घर में किताबों का एक जत्था सा लगा रहता।
अपनी और अपने दोस्त की पॉकेट मनी मिलाकर महीने में कई किताबें खरीद लाते थे।
मित्रों के बीच शेरों-शायरी की लत बहुत पुरानी है।
वर्तमान में दुबई में कार्यरत हैं।
लिखने की कला मां से विरासत में मिली है , मां शादी-विवाह के गीत लिखा करती थी , जो मैं कभी कभी पढ़ लेता था। सब मां की तारीफ करते थे तो अच्छा लगता था।
शौक तो लिखने का बहुत है बस वक्त की कमी हो जाती है कभी-कभी।
कहानियां , गजल , शेरों-शायरी , यात्रा वृत्तांत , कविताएं , प्रेम कविताएं आदि लिखना बहुत पसंद हैं।
ख्वाहिश एक लेखक बन कर उभरने की है।