पूज्य परमहंस योगानंद ने 'योगदा सत्संग सोसाइटी' तथा 'सेल्फ रियलाइजेशन फैलोशिप' नामक संस्थाओं की स्थापना की। ये संस्थाएँ अपने जगद्गुरु के संदेशों तथा विचारों को मौलिक व प्रामाणिक रूप में पूरे विश्व में प्रचारित करने के लिए कटिबद्ध हैं । इस पुस्तक को तैयार करने में स्वामीजी की इन्हीं संस्थाओं से प्रकाशित पुस्तकों से मदद ली गई है - विशेष रूप से पूज्य स्वामीजी द्वारा लिखित 'योगी कथामृत' से। इस पुस्तक में स्वामी योगानंदजी के विचारों को ही मूर्त रूप प्रदान किया गया I
त्याग, तपस्या, संयम, योग, अध्यात्म से अनुप्राणित पूज्य स्वामी परमहंस योगानंद का अद्भुत चरित्र-चित्रण, जो सामान्य जन को प्रेरित करेगा और एक आदर्श मानव बनने कामार्ग प्रशस्त करेगा।