अतः मैं आशा करता हूँ कि मेरा लिखा हुआ चंद पंक्ति आपको काम आएगा । “
मैं रंजन कुमार वर्मा इस बुक में अपना स्टोरी लिखने का कोशिश किया हूँ कि किन गलतियों के कारण बहुत ज्यादा मेहनत करने के बाद भी मेरा आईआईटी नहीं निकला था। हम जानते है कि आईआईटी हमसे बलिदान और कम से कम दो साल का त्याग माँगता है । लेकिन विधार्थी दो साल इसमे खुद को झोंक देता है लेकिन तब भी उससे इग्ज़ैम नहीं निकाल पाता । एग्जाम न निकलने के बाद आत्महत्या जैसे बुरे काम को कैसे अपना लेते है जो उन्हे नहीं करनी चाहिए। जैसा कि ई-बुक का नाम है DARD-E-IIT” आईआईटी के स्टूडेंट का पूरा चिठ्ठा खोलूँगा अपने कहानी के आधार पर। क्योंकि मेरा जो कहानी है वो कहानी गाँव से आए सभी विधार्थी का है कि कैसे बच्चा आधा से ज्यादा एगारवी कक्षा सिर्फ इंग्लिश समझने में निकाल देता हैं। आईआईटी का तैयारी कर रहे बच्चे को अनुसासन नहीं पाता होता है इत्यादि । आज आपलोगों को पढ़ने को मिलेगा आईआईटी न होने कि कहानी , नॉन आईआईटियन कि जुवानी । इसमे ये भी बताया गया है कि आपको कैसे आईआईटी का तैयारी करनी चाहिए। इस कहानी को गाँव वाले और हिन्दी मेडियम वाले बच्चे जरूर पढे क्यों कि इसमे उन्ही का परिश्रम दिखाया हूँ।
अतः मैं आशा करता हूँ कि मेरा लिखा हुआ चंद पंक्ति आपको काम आएगा । “