RANGRESHA

· MEHTA PUBLISHING HOUSE
৫.০
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ই-বুক
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পৃষ্ঠা
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এই ই-বুকের বিষয়ে

 दैनंदिन जीवनातील अनेक लहानमोठ्या घटना, वृत्तिप्रवृत्तींच्या माणसांशी या ना त्या कारणाने होणार्‍या भेटी आणि संवाद, निसर्गाच्या अनेक भाववृत्ती, नित्याच्या वाचनातून होणारे संस्कार, या सार्‍यांमधून सहजतेने सुचलेल्या विविध विषयांवरील हे नितांत सुंदर ललितलेख आहेत. वाचकांनाही मोजक्या अवकाशात विविध विषयांची उधळण असणारे, आनंद देणारे, आणि थोड्या प्रमाणात अंतर्मुख करणारे लेखन आवडते.माझी देशभक्ती, आजीची ताटलीलोटी, नातेसंबंध जुने आणि नवे, दळण सरलं सरलं म्हणू कशी, पाथरवट, खोडाबिडी वगैरे, पेशवेकालीन पुणे, घटातील पोकळी हे लेख जुन्या जगण्यात रेंगाळले आहेत. 'आजीची ताटली लोटी’ हा लेखिकेचा बाळठेवा आहे. काही तत्त्वज्ञानपर ललितलेख आहेत. असे अनेक ललितरंग या पुस्तकात प्रकटले आहेत. हे ललितरम्य इंद्रधनुष्य तुमच्या आमच्या मनातले आहेत. दूरस्थ नाहीत. म्हणून जवळचे. शान्ताबाईंनी आपल्या सार्‍यांच्या मनातील रागरंग, शब्दात गुंफले आहेत, ते अतिशय आस्वाद्य आहेत.

রেটিং ও পর্যালোচনাগুলি

৫.০
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পঠন তথ্য

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ল্যাপটপ ও কম্পিউটার
Google Play থেকে কেনা অডিওবুক আপনি কম্পিউটারের ওয়েব ব্রাউজারে শুনতে পারেন।
eReader এবং অন্যান্য ডিভাইস
Kobo eReaders-এর মতো e-ink ডিভাইসে পড়তে, আপনাকে একটি ফাইল ডাউনলোড ও আপনার ডিভাইসে ট্রান্সফার করতে হবে। ব্যবহারকারীর উদ্দেশ্যে তৈরি সহায়তা কেন্দ্রতে দেওয়া নির্দেশাবলী অনুসরণ করে যেসব eReader-এ ফাইল পড়া যাবে সেখানে ট্রান্সফার করুন।