Powaron Ka Itihas

· Nachiket Prakashan
5.0
සමාලෝචන 18ක්
ඉ-පොත
162
පිටු
ඇගයීම් සහ සමාලෝචන සත්‍යාපනය කර නැත වැඩිදුර දැන ගන්න

මෙම ඉ-පොත ගැන

  पोवारों का इतिहास (History of the Powar Community)यह ग्रंथ मौलिक (Basic)और व्यावहारिक (Applied) इन दोनों प्रकार के संशोधनों पर आधारित होने से बहुमूल्य ग्रंथ है। यह ग्रंथ मौलिक संशोधन(Fundamental Reasearch) पर आधारित होने के कारण इसमें लगभग 1700 में मालवा-राजस्थान से‌ वैनगंगा अंचल में हुए स्थानांतरण के कारणों की तथा पोवार समुदाय के सामाजिक, भाषिक, सांस्कृतिक, धार्मिक तथा आर्थिक आदि.‌विविध पहलुओं की विश्वसनीय, प्रामाणिक और वैध जानकारी दी गई है। उसी प्रकार यह ग्रन्थ व्यावहारिक संशोधन (Applied Reasearch) पर अधिष्ठित होने के कारण इसके अध्ययन से वर्तमान पोवार समुदाय में व्याप्त समस्याओं तथा उनके निराकरण के उपायों का भी बोध होता है।‌

   तात्पर्य, इस ग्रंथ में पोवार समुदाय के चित्र और चरित्र को बहुत गहराई से समझने और समझाने का कार्य किया गया है, इसलिए यह ग्रंथ जिज्ञासु पाठकों तथा समाज नवनिर्माण की आकांक्षा रखने वाले सुधिजनों के लिए समान रुप से महत्वपूर्ण और पथप्रदर्शक है।

ඇගයීම් සහ සමාලෝචන

5.0
සමාලෝචන 18ක්

කර්තෘ පිළිබඳ

पोवारों का इतिहास (1658-2022) यह संशोधनात्मक ग्रंथ इतिहासकार ओ. सी. पटले, आमगांव (महाराष्ट्र) इनकी लेखनी से साकार हुआ है। प्रस्तुत लेखक इतिहास के प्राध्यापक थे । उन्हें सिनियर काॅलेज में इतिहास और राजनीति शास्त्र इन दोनों विषयों के अध्यापन का अनुभव है। उन्हें शिक्षण महाविद्यालय ( बी.एड्.) में शैक्षणिक दर्शन शास्त्र (Educational Philosophy) पढ़ाने का भी प्रदीर्घ अनुभव है l

  लेखक को शैक्षणिक, सामाजिक और ऐतिहासिक संशोधन का अनुभव होने के साथ -साथ वें एक उत्तम साहित्यिक भी है। उनके विविध विषयों पर संशोधनात्मक लेख भारतवर्ष की विविध प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में प्रकाशित होते आये हैं। वें प्रतिबिंब, भवभूति अब गीतों में, वीर राजे चिमना बहादुर, राजाभोज महाकाव्य , पोवारी भाषा संवर्धन: मौलिक सिद्धांत व व्यवहार, पोवारों का इतिहास आदि.महत्वपूर्ण ग्रंथों के लेखक है।

    प्रस्तुत लेखक भवभूति रिसर्च अकॅडमि, आमगांव के अध्यक्ष, श्रीरामचरितमानस संस्था, नागपुर के अध्यक्ष, वीर राजे चिमना बहादुर फाउंडेशन, गोंदिया के सक्रिय सदस्य तथा अखिल भारतीय क्षत्रिय पोवार (पंवार) महासंघ के संरक्षक है।

   ‌‌ वें पोवार समाज में भाषिक, सांस्कृतिक, वैचारिक क्रांति लाने के लिए 2018 से निरंतर प्रयत्नशील है। उनके प्रयासों एवं युवाशक्ति के सहयोग से इस कार्य में उन्हें उल्लेखनीय सफलता प्राप्त हुई है। उनकी सिद्ध लेखनी से यह ग्रंथ साकार हुआ है। यह ग्रंथ ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित, समझने में आसान, रोचक एवं पथप्रदर्शक है। प्रत्येक समुदाय में इस प्रकार के महत्वपूर्ण इतिहास ग्रंथों का सृजन होने से समाजोत्थान में सहायक साबित होंगे।

මෙම ඉ-පොත අගයන්න

ඔබ සිතන දෙය අපට කියන්න.

කියවීමේ තොරතුරු

ස්මාර්ට් දුරකථන සහ ටැබ්ලට්
Android සහ iPad/iPhone සඳහා Google Play පොත් යෙදුම ස්ථාපනය කරන්න. එය ඔබේ ගිණුම සමඟ ස්වයංක්‍රීයව සමමුහුර්ත කරන අතර ඔබට ඕනෑම තැනක සිට සබැඳිව හෝ නොබැඳිව කියවීමට ඉඩ සලසයි.
ලැප්ටොප් සහ පරිගණක
ඔබට ඔබේ පරිගණකයේ වෙබ් බ්‍රව්සරය භාවිතයෙන් Google Play මත මිලදී ගත් ශ්‍රව්‍යපොත්වලට සවන් දිය හැක.
eReaders සහ වෙනත් උපාංග
Kobo eReaders වැනි e-ink උපාංග පිළිබඳ කියවීමට, ඔබ විසින් ගොනුවක් බාගෙන ඔබේ උපාංගයට එය මාරු කිරීම සිදු කළ යුතු වේ. ආධාරකරු ඉ-කියවනයට ගොනු මාරු කිරීමට විස්තරාත්මක උදවු මධ්‍යස්ථාන උපදෙස් අනුගමනය කරන්න.