कहानियों के अधिकतर पात्र किसी वस्तु की खोज में या अपने भावों और विचारों की आज़ादी के लिए प्रयासरत है|
रेहान जैसे युवा, जो पारिवारिक और सामाजिक दबावों में दबे होने के बावजूद क्या सदियों से बुक में कैद एक लड़की को पुरुषों की बनी मानसिकता के तिलिस्म से छुड़ा पायेगा ? क्या वो लड़की अपने सुरक्षा घेरे से बाहर निकलना चाहेगी ?
समसामयिक खुले विचारों के चलते दो बच्चों द्वारा रचाई गई शादी का माता-पिता पर क्या असर होगा?
कलयुग के इस माहौल में अगर देवता धरती पर वास करेंगे तो जगत की माँ कहलाने वाली माँ पार्वती के क्या अनुभव होंगें | ऐसा क्या हुआ जो बजरंग बली के हृदय में ममत्व भाव जाग उठा |
क्या पति पत्नी दैनिक नोक-झोंक को हास्य भाव को प्रेम का रूप दे पाएंगे ?
दो छोटे बच्चे कैसे धर्म निरपेक्षता का पाठ अपने समाज को पढ़ाते हुए एक अनोखा उदाहरण प्रस्तुत करते है |
अपने प्रेम को नजर अंदाज करने का क्या परिणाम वह भुगतेगा और किस प्रकार अपनी प्रेमिका से गुजारिश करेगा |
इस पुस्तक में लेखिका ने सामाजिक, हास्य, व्यंग्य, देश-भक्ति, और प्रेम सभी पक्षों का सुन्दर वर्णन किया है |
पूजा शर्मा हिंदी साहित्य में कॉलेज व्याख्याता की पात्र होने के साथ-साथ लेखन में गहरा रुझान रखती है | हिंदी के अतिरिक्त पूजा, विज्ञान और कंप्यूटर विषय में पारंगत है | लेखिका अन्य कला क्षेत्रों जैसे नृत्य, और नाटक में भी रुचि रखती है | पूजा ने प्रारम्भिक लेखन 2012 में शुरू किया और बहुत सी लघु कथाएँ और कविताएँ लिखी, इस पुस्तक की कुछ कहानियाँ लेखिका द्वारा उसी समय में लिखी गयी है | पूजा ने अपने अध्यापन कार्य को बीच में छोड़कर लेखन क्षेत्र में सफलता प्राप्त की | लेखिका साधारण व्यक्तित्व और कल्पना शक्ति की धनी है | अपने लेखन में पूजा, अपनी कल्पना के साथ-साथ जीवन से जुड़े हुए दूसरे पहलुओं को भी छूना पसंद करती है | वह शृंगार, अद्भुत, वीर, हास्य, और करुण रस को अपने लेखन में प्रयोग करना पसंद करती है |
लेखिका सामाजिक, ऐतिहासिक, काल्पनिक, बाल-मनोविज्ञान, धर्म-कर्म, प्रेम, देश-भक्ति और शृंगार आदि विषयों में रुचि रखती है और इसी के अंतर्गत वह अपने अगले उपन्यास पर कार्य कर रही है |
पूजा अपने अग्रजों के आशीर्वाद से बेंगलौर में अपने पति श्री आदित्य शर्मा और अपने दो बच्चों (पीयूष और दीक्षा) के साथ रह रही है |