'मजेदार पहेलियाँ' मराठी से हिंदी में अनुवादीत बालसाहित्य की रचना पढ़कर मुझे प्रख्यात कवि 'अमीर खुसरो' का स्मरण हो आया. सुप्रसिद्ध बालसाहित्यकार श्री. एकनाथ आव्हाड की मूल रचना को ज्येष्ठ कवि, मराठी-हिंदी के रचनाकार, अंग्रेजी, मराठी, हिंदी के सिद्धहस्त अनुवादक श्री. नारायण कुलकर्णीजी ने संपूर्ण हिंदी संसार में पहुंचाया है. बालसाहित्य का अनुवाद अन्य साहित्य की तुलना में अधिक कठिन होता है. बाल मनोभूमि के स्तर उतरकर रचना करना, अनुवादित करना श्रेष्ठ काम है. मैं मूल कवि तथा अनुवादक कवि को साधुवाद देता हूं. मुझे विश्वास है, ये 'मजेदार पहेलियाँ' बालमित्रों के मनोरंजन के साथ ज्ञानवर्धन करेगी, उनकी जिज्ञासा को पल्लवित पुष्पित करेगी. पहेलियों के जवाब भी सुंदर तथा प्रतिभापूर्ण हैं. सप्तर्षी प्रकाशन संस्था का अभिनंदन...