बिपिन चंद्र पाल एक भारतीय राष्ट्रवादी क्रांतिकारी और ‘लाल-बाल-पाल’ की त्रयी में से एक थे। उन्हें भारतीय क्रांतिकारी विचारों के जनक के रूप में जाना जाता है और भारत में एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी के रूप में भी, जिसने उन्हें ‘बंगाल टाइगर’ का प्रतीक नाम दिया।
उनका जन्म 7 नवंबर, 1858 को पूर्वी बंगाल प्रांत के हबीबगंज जिले के एक छोटे से गाँव में (वर्तमान में बांग्लादेश के अधीन) हुआ। वे उस समय पैदा हुए थे, जब 1857 के विद्रोह के बाद अंग्रेज दमन को कुचलने में व्यस्त थे। बंगाल प्रांत कई क्रांतिकारी घटनाओं का साक्षी था और इनके नाजुक व्यक्तित्व पर इसका गहरा प्रभाव पड़ा। उनके पिता रामचंद्र पाल एक अमीर हिंदू वैष्णव थे। वे एक फारसी विद्वान् और जमींदार भी थे।