उपनिषद् अध्यात्म विद्या अथवा ब्रह्मविद्या को कहते हैं। उपनिषद् वेद का ज्ञान काण्ड है। यह चिर प्रदीप्त वह ज्ञान दीपक है जो सृष्टि के आदि से प्रकाश देता चला आ रहा है और जो शाश्वत है, सनातन है, अक्षर है। इसके प्रकाश में वह अमरत्व है, जिसने सनातन धर्म के मूल का सिंचन किया है। यह जगत् कल्याणकारी भारत की अपनी निधि है।
"असतो या सद्गमय, तमसो मा ज्योतिर्गमय,
मृत्योर्मा अमृतं गमय।"