इस पुस्तक की एक विशेषता यह भी है कि ये प्रयोग सामान्य पुस्तकों से चयनित न होकर विशिष्ट कृतिकारों की सुप्रसिद्ध रचनाओं से संगृहीत किए गए हैं। पुस्तक में समृद्ध भारतीय संस्कृति एवं इसके अगाध अध्यात्म को उपेक्षित नहीं किया गया। ऋग्वेद, भर्तृहरि नीति शतक, महाभारत तथा रामचरितमानस तक से उत्कृष्ट उद्धरण उपलब्ध कराए गए हैं। अतः किसी भी शब्दकोश से यह ग्रंथ अधिक उपयोगी हो गया है।
यह कृति निश्चित ही हिंदी साहित्य की उपलब्धि है। शब्दकोशों के बहुत सारे शब्द तो अप्रयुक्त ही रह जाते हैं। इस गं्रथ के शब्दप्रयोग साहित्यधर्मियों, मुख्यतः नए रचनाकारों के लिए उपयोगी सिद्ध होंगे।
—राजेंद्र अवस्थी