Lakshya: Lakshya by P.K. Arya

· Prabhat Prakashan
४.३
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ई-पुस्तक
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या ई-पुस्तकाविषयी

लक्ष्य एक छोटा सा बिंदु है, जिसके केंद्र में जीवन की सारी सफलताओं का स्रोत मौजूद है। इस बिंदु को लक्ष्य करके हर व्यक्‍ति अर्जुन की भाँति चिड़िया की आँख भेद सकता है। लक्ष्य का पथ बेशक कंटकपूर्ण है, लेकिन गंतव्य फूलों भरा और स्वागतपूर्ण है। जो व्यक्‍ति अपने लक्ष्य को पा लेता है, वही पूजित होता है वही मान्य होता है और वही इतिहास में अपना नाम दर्ज कराता है।
अगर आपका लक्ष्य माउंट एवरेस्ट फतेह करना है तो बीच रास्ते से लौटने पर आपका स्वागत नहीं होगा। इसके लिए लक्ष्य भेदना ही जीवन का उद‍्देश्‍य बनाना होगा। याद रखें, जब कोई लक्ष्य निर्धारित किया जाता है तो बाधाओं का आना स्वाभाविक है, लेकिन जो व्यक्‍ति इन बाधाओं पर विजय पा लेता है, वही सफल होता है। यह भी जान लें कि बाधाएँ तभी उपस्थित होती हैं, जब हम लक्ष्य के प्रति एकाग्र और स्थिर नहीं होते—तभी बाधाएँ हमें भटका पाती हैं।
प्रस्तुत पुस्तक ‘लक्ष्य’ की ओर बढ़ते और बढ़ने के जिज्ञासुओं के लिए एक गाइड के रूप में काम आ सकती है। एक अनमोल व लक्ष्य-नियंता पुस्तक!
Discover your true purpose and set your goals with clarity in Lakshya by P.K. Arya.

This book by P.K. Arya is a roadmap to identifying and achieving personal and professional goals. It delves into the importance of having a clear vision, strategy, and relentless drive to turn dreams into reality.
P.K. Arya, Goals, Personal Development, Success, Strategy

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लेखकाविषयी

प्रो. (डॉ.) पुष्पेंद्र कुमार आर्य देश के वरिष्‍ठ लेखक, पत्रकार, ज्योतिर्विद्, विचारक एवं शिक्षाविद् हैं। पत्र-पत्रिकाओं और रिसर्च जर्नल्स में उनकी तीन हजार से भी अधिक रचनाएँ तथा महत्त्वपूर्ण विषयों पर चालीस से भी अधिक पुस्तकें/ग्रंथ प्रकाशित हैं। भारत के विभिन्न राष्‍ट्रीय समाचार, पत्र-पत्रिकाओं के संपादकीय विभाग में शीर्षस्थ पदों पर कार्य कर चुके हैं। ‘प्रेस कौंसिल ऑफ इंडिया’ में दो बार ‘पर्यवेक्षक’ रहे तथा तीन वर्ष तक भारत के शीर्षस्थ उद्योगपति मुकेश अंबानी के ‘मीडिया सलाहकार’ और ‘संचार मंत्रालय’ में भी ‘सलाहकार’ रहे। एक ‘सांस्कृतिक राजदूत’ की हैसयत से डेढ़ दर्जन से भी अधिक देशों की यात्रा। अतिथि प्रोफेसर के रूप में दुनिया के कई विश्‍वविद्यालयों में अध्यापन। उन्हें विविध पुरस्कारों और सम्मानों से विभूषित किया जा चुका है। वर्ष 2010 में हिंदी अकादमी, दिल्ली सरकार द्वारा ‘साहित्य कृति पुरस्कार’, सृजनात्मक लेखन के लिए ‘इंटरनेशनल वोकेशनल आवार्ड-1999’, विश्‍व आंदोलन ट्रस्ट, मुंबई द्वारा ‘राष्‍ट्र गौरव सम्मान-2004’, अमेरिकन बायोग्राफिकल इंस्टीट्यूट, इंक, कैरोलिना (अमेरिका) द्वारा ‘इंस्टीट्यूट अवार्ड-2002’, सल्तनत ऑफ ओमान के ‘निशान-ए-मस्कट’ समेत लगभग 45 सम्मानों से अलंकृत उन्हें अत्यंत प्रतिष्‍ठ‌ित प्रत्यायित पत्रकार (Accredited Journalist) की श्रेणी (गृह मंत्रालय तथा सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार) का दरजा प्राप्‍त है।
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