Kavya Kinshuk

· Booksclinic Publishing
5,0
1 anmeldelse
E-bog
100
Sider
Bedømmelser og anmeldelser verificeres ikke  Få flere oplysninger

Om denne e-bog

 ""काव्य किंशुक"" कविताओं का एक अद्भुत संकलन है, जिसमें विभिन्न चरित्रों, विषयों ,महापुरुषों, एवं मनोभावों पर आधारित कविताओं के सुगंधित फूलों की माला पिरोयी गई है ,जो बहुत ही सरल एवम् सुगम भाषा में लिखी गई है, एक छोटा बालक भी इस कविता को पढ़कर उसका रसास्वादन कर सकता है ,उसे किसी व्याख्या की जरुरत महसूस नहीं पड़ेगी।

      मांँ सरस्वती की स्तुति हो या गणेश जी का गाना, कान्हा की बंसी हो या बचपन की शान, गंगा के घाट हो या बनारस की ठाठ, पर्यावरण बचाओ, पेड़ लगाओ ज

,फूलों का संसार, सब कुछ मिलेगा इस ""काव्य किंशुक"" में यार।

       चाहे प्रधानमंत्री मोदी जी हों या मुख्यमंत्री योगी जी चाहे राष्ट्रपति द्रोपती मुर्मू हो या स्वर सम्राज्ञी लता मंगेशकर, चाहे अटल जी हों या अंबेडकर जी, कल्याण जी हों या विपिन रावत जी सबकी जीवनी को बड़े ही रुचि पूर्ण तरीके से काव्यबद्ध किया गया है।

    शिव शंकर जी का साथ हो, नववर्ष का उल्लास हो या देश प्रेम के काव्य, स्त्री मन की व्याख्या हो या बेटियों का महत्व बताने वाला काव्य ,नारी का पर्याय समर्पण की कविता हो या दहेज प्रथा की विभीषिका की, देश की माटी का वर्णन हो या किसान की, गरीबी का वर्णन हो या योग के महत्व का वर्णन हो, सब आपके दिल तक पहुंचेगी।

     जिंदगी का सफरनामा, शहीद दिवस का आना, होली के गीत, मित्रों के प्रीत ,संत रविदास जयंती का काव्य वर्णन हो या लता मंगेशकर जी को श्रद्धांजलि देना, सब का काव्यात्मक वर्णन बड़े ही अच्छे ढंग से किया गया है।

    बेटी है तो कल है ,वन है तो हम हैं ,फूलों का संसार यहांँ, बाल मन का प्यार यहांँ, बेसिक शिक्षा का महत्व यहांँ, पटकथा लेखन का संवाद यहांँ, इनका काव्य संकलन अपने आप में आकर्षित करता है ।

   पुस्तक में मेरी ओर से यथासंभव उसे त्रुटिहीन बनाने का मेरा भाव एवं यथेष्ट प्रयत्न रहा है, फिर भी त्रुटियांँ संभव होंगी ।

   सुधि पाठकों से अनुरोध है कि त्रुटियों को अनदेखा कर काव्य किंशुक की रचनाओं का रसास्वादन करेंगे ।

   उम्मीद है सुधि पाठक गण इस पुस्तक को पढ़कर निराश नहीं होंगे, हमें पूरा विश्वास है कि हम उनके समीक्षा में पूरे खरे उतरेंगे । वे अपना पुस्तक प्रेम मेरे(काव्य किंशुक)के ऊपर बनाए रखेंगे तथा अपने प्रोत्साहन द्वारा हमें आगे बढ़ने का मौका देंगे, ताकि हम निरंतर काव्य पथ पर यूं ही चलते रहें और आपको नए-नए काव्य किंशुक से परिचय कराते रहें 

Bedømmelser og anmeldelser

5,0
1 anmeldelse

Om forfatteren

"मेरा नाम स्मृति दीक्षित है। मैं बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राथमिक विद्यालय मदरवॉ वाराणसी में एक सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत हूंँ। मुझे बच्चों से बहुत लगाव है ।मुझे पढ़ना और पढ़ाना बहुत ही अच्छा लगता है।

     मेरा जन्म अप्रैल 1975 में हुआ है ।मेरी मांँ का नाम श्रीमती आभा ओझा एवं पिताजी का नाम श्री श्रीप्रकाश ओझा है। मैं पांँच भाई-बहनों में सबसे बड़ी हूंँ।  वर्तमान में मैं वाराणसी के अस्सी मोहल्ले में रहती हूंँ। ।मेरे पति का नाम डॉo विभूति भूषण दिक्षित है, मेरे दो बच्चे हैं प्रथम पुत्री जिसका नाम सात्विका दीक्षित व द्वितीय पुत्र जिसका नाम निशांत दीक्षित है।  मेरी स्नातक की पढ़ाई मिथिला विश्वविद्यालय, शिक्षा स्नातक पूर्वांचल विश्वविद्यालय तथा परास्नातक की पढ़ाई काशी हिंदू विश्वविद्यालय से हुई है ।मेरी लेखन में विशेष रूचि है। मैं कहानियाँ ,कविताऐं, संस्मरण एवं लेख आदि लिखती रहती हूँ,जो की साझा संकलन में प्रकाशित होते रहते हैं। कविताओं से मुझे विशेष लगाव है। पुस्तक पढ़ना और पेंटिंग( मिथिला) करना भी अच्छा लगता है ,मुझे सभी के लिए खाना बनाना व खिलाना भी पसंद है । पिछले वर्ष बड़ी बिंदी पर जो कि फेसबुक पर लाइव आता है मेरा साक्षात्कार भी हुआ था जिसमें मुझे विषय दिया गया था (संस्कारी पुत्र)मैंने एक कहानी व एक कविता के माध्यम से अपना यह साक्षात्कार पूरा किया था।

    मैं ""काशी कविता मंच""से पिछले 2 वर्षों से जुड़ी हुई हूँ और मंच द्वारा प्राप्त सभी विषयों पर अपनी कविताऐं लिखती और भेजती रहती हूँ । काव्य गोष्ठियों में भी भाग लेती हूं, जिनके ई- प्रमाणपत्र मुझे प्राप्त होते रहते हैं,

 जिससे हमें प्रोत्साहन मिलता रहता है, बिना एक भी विषय को छोड़े मैंने पूरे वर्ष अलग-अलग विषयों पर अपनी कविताऐं लिखी हैं व अपनी एक अलग पहचान बनाई है ।""काशी कविता मंच ""के नाम कई लिम्का बुक वर्ल्ड- रिकॉर्ड भी है।

     पुस्तक ""प्रकृति की सीख में"" मेरी कविताऐं ,""स्मृतियों की धूप छांँव"" में मेरा संस्मरण, ""गौरैया फिर आना"" और ""राष्ट्र साधना के पथिक"" में मेरा लेख, ""बाल गंगाधर तिलक"" छपा है। इसके अलावा साझा संकलन में बाल कविताएं ,मोदी जी व योगी जी पर भी कविताऐं छप चुकी हैं।

     माँ सरस्वती की मुझ पर विशेष कृपा बनी रहे, आप सब पाठक बंधुओं का साथ मिला तो मेरी यह ""काव्य किंशुक"" (भाग--1 )आपके दिलों पर राज करेगी तथा मुझे (भाग--1) से सहस्त्र तक पहुंचाने की प्रेरणा भी देगी।"

Bedøm denne e-bog

Fortæl os, hvad du mener.

Oplysninger om læsning

Smartphones og tablets
Installer appen Google Play Bøger til Android og iPad/iPhone. Den synkroniserer automatisk med din konto og giver dig mulighed for at læse online eller offline, uanset hvor du er.
Bærbare og stationære computere
Du kan høre lydbøger, du har købt i Google Play via browseren på din computer.
e-læsere og andre enheder
Hvis du vil læse på e-ink-enheder som f.eks. Kobo-e-læsere, skal du downloade en fil og overføre den til din enhed. Følg den detaljerede vejledning i Hjælp for at overføre filerne til understøttede e-læsere.