कैलाशचंद्र भाटिया भाषा विज्ञान तथा हिंदी भाषा के विविध पक्षों पर अनुसंधान के साथ-साथ साहित्य की नवीन विधाओं की ओर प्रवृत्त। ‘मदन मोहन मालवीय पुरस्कार’, ‘अयोध्याप्रसाद खत्री पुरस्कार’, ‘नातालि पुरस्कार’, ‘सुब्रह्मण्यम भारतीय पुरस्कार’ आदि से सम्मानित। भूतपूर्व प्रोफेसर तथा अध्यक्ष, हिंदी तथा प्रादेशिक भाषाएँ, लालबहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी, मसूरी पूर्व निदेशक, वृंदावन शोध संस्थान, वृंदावन। भारत सरकार के अनेक मंत्रालयों की राजभाषा सलाहकार समितियों के सदस्य। रॉयल एशियाटिक सोसायटी ऑफ इंग्लैंड के फेलो। प्रमुख रचनाएँ : ‘अंग्रेजी-हिंदी अभिव्यक्ति कोश’, ‘अंग्रेजी-हिंदी अभिव्यक्ति कोश’, ‘अंग्रेजी-हिंदी शब्दों का ठीक प्रयोग’, ‘भारतीय भाषाएँ’, ‘शब्दश्री’, ‘अखिल भारतीय प्रशासनिक कोश’, ‘अनुवाद कला : सिद्धांत और प्रयोग’, ‘कामकाजी हिंदी’, ‘व्यावहारिक हिंदी’, ‘विधा-विविधा’, ‘भाषा-भूगोल’, ‘हिंदी भाषा शिक्षण’, ‘हिंदी की बेसिक शब्दावली’, ‘हिंदी काव्य भाषा की प्रवृत्तियाँ’, ‘रोडाकृत राउलवेल’, ‘हिंदी साहित्य की नवीन विधाएँ’, ‘उभरी गहरी रेखाएँ’ (सं.) ‘हिंदी भाषा में अक्षर तथा शब्द की सीमा’, ‘ब्रजभाषा तथा खड़ीबोली का तुलनात्मक अध्ययन’, ‘हिंदी साहित्य का वृहद् इतिहास : अद्यतन काल’ (सं.), ‘हिंदी भाषा : विकास और स्वरूप’, ‘राजभाषा हिंदी’ तथा ‘हिंदी की मानक वर्तनी’ तथा ‘हिंदी शब्द सामर्थ्य’। मोतीलाल चतुर्वेदी शिक्षा : एम.ए. (हिंदी एवं अंग्रेजी), पी-एच.डी.। अग्रवाल कॉलेज एवं किशोरी रमण कॉलेज, मथुरा में अध्यापन; व्याख्या तथा सहायक निदेशक, हिंदी शिक्षण योजना, गृह मंत्रालय, भारत सरकार के पद से सेवामुक्त। प्रमुख रचनाएँ : ‘आपकी हिंदी’, ‘हिंदी : यादों की दूरबीन से’, ‘रेलवे प्रशासन में प्रयुक्त प्रशासनिक शब्दावली का व्याकरणिक एवं शब्दकोशीय अध्ययन’। संप्रति : वैदिक और उपनिषदीय अध्ययन एवं लेखन में संलग्न।