KAATH

· MEHTA PUBLISHING HOUSE
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 चोखंदल मराठी वाचकांसाठी उपलब्ध होत असलेली डॉ. एस. एल. भैरप्पा यांची सहावी कादंबरी

अमृता आणि सोमशेखर यांच्या नात्याच्या मा­यमातून लेखक काही मूलभूत प्रश्न उपस्थित करतो. यक्तीला आयुष्यात नक्की काय हवे असते?स्त्री-पुरुषांना परस्परांकडून नक्की काय हवे असते? खरे प्रेम म्हणजे काय? मनोविकारांना आरंभ कसा होतो? अशा प्रकारच्या नात्यांना आपण एका साच्यात किंवा विवाहाच्या चौकटीत बसवू शकतो का? असे असेल, तर मग या नात्यांचे भवितय काय? अशा अनेक मूलभूत प्रश्नांचा विचार करायला लावण्यातच या कादंबरीच्या यशाचे खरे गमक आहे! डॉ. अंजली जोशी मानसोपचार तज्ज्ञ

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