1,76,000 हजार करोड़ जैसी भारी- भरकम राशि का घोटाला करने के लिए तत्कालीन दूरसंचार मंत्री ए. राजा ने किस प्रकार शातिराना अंदाज में योजनाबद्ध ढंग से काम किया । इस योजना में राजा ने किन-किन लोगों को अपना सहयोगी बनाया और कैसे उनसे चूक हुई कि वे अपने सहयोगियों सहित सीबीआई के फंदे में फंस गए? इस तरह के सभी सवालों का जवाब है यह पुस्तक- '2 जी स्पेक्ट्रम ' । इस पुस्तक को सीबीआई की कार्यप्रणाली में सिद्धहस्त सीबीआई के पूर्व निदेशक जोगिन्दर सिंह ने बड़ी सूक्ष्म दृष्टि और गहन मंथन के बाद प्रस्तुत किया है ।