लोहिया का नाम लेने वाले; समाजवाद की रट लगाने वाले और समता समाज का नारा लगाने वाले; सभी भ्रमित होकर केवल विशेष अवसर को ही अंतिम लक्ष्य मान चुके हैं। द्वेष; जलन; हिंसा; व्यक्तियों की स्वार्थोन्नति और राजनीति पर कब्जा; यही उनके विशेषाधिकार का मूलमंत्र है। यदि इस सिद्धांत के द्वारा जाति विनाश; समान शिक्षा; आर्थिक बराबरी; सत्ता का विकेंद्रीकरण; स्वदेशी; स्वराज्य; ग्रामोन्नति; कृषि को प्राथमिकता; भ्रष्टाचार और भोग का अंत इत्यादि किए जाते तो समता समाज की स्थापना के दर्शन की ओर कदम बढ़ाया गया माना जाता।
आर्थिक गैर बराबरी के कारण सवर्ण में अवर्ण और अवर्ण में सवर्ण बन गए हैं। पिछड़ों और दलितों में भी द्विज बन गए हैं। तथा द्विजों में भी पिछड़े और दलित बन गए हैं। आरक्षण की राजनीति करनेवालों का उस दिन अंत होगा; जिस दिन आरक्षण का अंध विरोध बंद हो जाएगा। केवल सरकारी नौकरी में आरक्षण से ही राष्ट्र का कायाकल्प नहीं हो सकता है। उन्हें तो केवल वोट चाहिए; चाहे उसके लिए जाति; भाषा और संप्रदाय के नाम पर भारत की धरती लाल क्यों न हो जाए। राष्ट्रीयता; समता; दृढता; उदारता; निष्पक्षता; समरसता; ममता और आध्यात्मिकता के दर्शन के आधार पर बनाया गया सिद्धांत ही मानव के लिए कल्याणकारी हो सकता है। आज उसी तरह के नेतृत्व की आवश्यकता है। क्या सभी इस पर सोचेंगे?
—इसी पुस्तक से
वरिष्ठ राजनेता श्री हुक्मदेव नारायण यादव के प्रखर राष्ट्रवादी चिंतन-प्रवाह के रूप में बाहर आए ये मोती-स्वरूप विचार एक सजग-जागरूक समाज बनाने के इच्छुक हर भारतीय के लिए पठनीय पुस्तक।Cintan Prawah by Hukumdev Narayan Yadav: "Cintan Prawah" by Hukumdev Narayan Yadav is a thought-provoking book that delves into the realm of ideas and discussions, offering insights and perspectives on various subjects of interest.
Key Aspects of the Book "Cintan Prawah by Hukumdev Narayan Yadav":
Intellectual Exploration: The book engages readers in intellectual exploration by presenting a wide range of topics and discussions.
Varied Perspectives: "Cintan Prawah" provides a platform for diverse perspectives and viewpoints on issues that matter to society.
Thought Leadership: Hukumdev Narayan Yadav encourages readers to think critically and engage in meaningful discourse on topics that impact the world.
Hukumdev Narayan Yadav is an author and thought leader known for his writings that stimulate intellectual curiosity and discussions. "Cintan Prawah" is a testament to his commitment to fostering dialogue and discourse.