नमस्कार दोस्तों मैं सृष्टि शिवहरे एक लेखिका हूं । मेरी ये नई पुस्तक " होली के रंग " में आपका स्वागत है । जोकि एक साझा संकलन है इसमें आपको ढेर सारी कविताएं पढ़ने को मिलेंगी जोकि हर विषय पर हैं । ज्यादातर आपको इसमें होली पर कविताएं पढने को मिलेगी ! रंगों में घुली हुए कविताएं राधा कृष्ण के प्रेम में डूबी कविताएँ .प्रेमी प्रेमिका शायरी , मनोरंजक कविताएं , गजलें , सकारत्मक विचार , आदि । इसमें अलग अलग गांवों ,शहरों से लेखकों को एकत्रित किया है उम्मीद है आपको ये पुस्तक जरूर पसंद आएगी ।
इनका नाम सृष्टि शिवहरे है । महत्वाकांक्षी लेखकों के लिए, सृष्टि शिवहरे एक महान प्रेरणा हैं । इन्होंने 100 से अधिक पुस्तकों में अपने महत्वपूर्ण योगदान के साथ अपना लेख प्रकाशित किया है, इनकी स्वयं को 18 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं जिसमे से आठ संकलन हैं जिनको स्वयं इन्होंने ही संकलित किया है । ये पढ़ाई में होनहार छात्राओं में से एक है , इन्होंने भारत के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय से पढ़ाई पूरी की है और बीएससी में प्रथम श्रेणी प्राप्त की इसके अलावा इन्होंने आई.टी.आई. ( इलेक्ट्रिकल C.O.E ) का डिप्लोमा किया है जिसे भी इन्होंने प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण किया है । इन्हें लेखन के प्रति रूचि अपने पिताजी से मिली ..
इनके पिता स्व. रामहरी शिवहरे जी और माता श्री मति ममता शिवहरे जी हैं । इनके पिताजी ने शायरी, ग़ज़ल और अन्य साहित्यिक कृतियों के गायन से इन्हें प्रोत्साहन दिया ।