इस पुस्तक में हिमांशु शेखर ने नाटकीय भाषा के बजाय, सहज-स्वाभाविक और प्रवाहमय ढंग से मोदीजी की महान प्रबंधन शैली को प्रस्तुत करने का सद्भावी प्रयास किया है और उनकी बात आसानी से समझ भी आती है। जनता से नाता बनाना, लोगों के काम आने की भावना रखना, लोकलुभावन फैसलों की बैसाखी का प्रयोग किए बिना ही लोगों के हित में ज़रूरी होने पर डंके की चोट पर कड़ुवे निर्णय लेना, भाजपा के लिए अभेद्य माने जाने वाले दुर्गों पर विजय प्राप्त करना, परिवारवाद की संकीर्ण सोच से ऊपर उठकर सर्वजनहित को देश की राजनीतिक सोच बना देना और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी मान-सम्मान दिलाना, उनकी सोच के कुछ महत्त्वपूर्ण स्तम्भ हैं।