Guncha-E-Bahar

· Prachi Digital Publication
৫.০
২টি রিভিউ
ই-বুক
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পৃষ্ঠা
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এই ই-বুকের বিষয়ে

 इस कहानी संग्रह में डा. फखरे आलम खान ‘विद्यासागर’ की 35 प्रतिनिधी कहानियां है। उन्होने इन कहानियों के लिए पात्र, घटनाएं एवं स्थान हमारे आसपास से लिया है। उन्होने इसके अलावा समसामयिक माहौल को चित्रांकन करने का प्रयास किया है। संग्रह के संपादक आबिद रिजवी जी का कहना है कि संग्रह में संग्रहित कहानियां पाठकों को भाव विभोर कर देंगी।

রেটিং ও পর্যালোচনাগুলি

৫.০
২টি রিভিউ

লেখক সম্পর্কে

 डॉ. फखरे आलम खान 'विद्यासागर' सन् 2000 के पहले और दूसरे दशक में सबसे अधिक चर्चा में रहने वाले उपन्यासकार हैं। ये इकलौते ऐसे लेखक हैं जिनके नाम से पहले डॉ. लगा हुआ है, अंत में ‘विद्यासागर’। ये इस मामले में भी अलग पहचान रखते हैं कि इनके सामाजिक उपन्यास भी छपे हैं, जासूसी उपन्यास, कहानी संग्रह तथा एकांकी भी। खान साहब अब डिजिटल दुनिया में भी कदम रख चुके है क्योंकि अब तक उन्होने प्रिन्ट एडिशन में भी पाठकों में अपनी अच्छी पकड़ बना रखी है।


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