GAPPANGAN

· MEHTA PUBLISHING HOUSE
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गुरुत्वाकर्षणाच्या नियमानुसार वरचा माणूस खाली येतो; पण खालचा मनुष्य एकदम वर जातो, तो फक्त सिनेमातच! गागाभट्टांनाही अवकाशात पाठवण्याचे सामर्थ्य एकाच व्यक्तित असू शकते, तो म्हणजे "मंत्री'! श्रोते नसले तरी वक्ता हा असतोच; अशी एकच सभा असते निवडणुकीची! रम्य बालपणात ही विलक्षण सृष्टी आपण पाहत बसतो. नव्हे, त्याच जगात आपण जगत असतो, ती दुनिया असते भुतांची! जुन्या कादंबरीत आढळणा-या या देवीची आरा­धना आपल्या प्रत्येकालाच करावी लागते, ती म्हणजे निद्रादेवीची! शहाण्या माणसाने ही पायरी कधीही चढू नये असे म्हणतात; ती म्हणजे कोर्टाची! या कलेचे एक शास्त्र असते, नियम असतात, ती कला म्हणजे लाच देणे! हे सर्वश्रुत अनुभव; लेखांच्या माध्यमातून द. मा. मिरासदारांनी वाचकांसमोर मांडले आहेत. वाचकांशी सा­धलेला हा संवाद; हेच या "गप्पांगण'चे विशेष आहे. 


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