आज के समय में हृदय रोग और दिल के दौरे असामयिक मृत्यु के सबसे बड़े कारण हैं। विकासशील देशों में हृदय की बीमारियाँ महामारी बनकर उभर रही हैं।
कुछ साल पहले तक अधेड़ों और प्रौढ़ों का रोग माने जानेवाले हृदय रोग अब नौजवानों को भी अपनी गिरफ्त में ले रहे हैं। अब 35 से 44 वर्ष की उम्र से ही लोग इसके चंगुल में आने लगे हैं और 55 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए तो हृदय रोग मौत का पर्याय ही बन गया है। भारत में भी प्रतिवर्ष लगभग 25 लाख लोग दिल के दौरे के कारण असामयिक मृत्यु के ग्रास बन रहे हैं।
प्रतिष्ठित व अनुभवी हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. पुरुषोत्तम लाल ने प्रस्तुत पुस्तक में व्यावहारिक दृष्टि से हृदय रोग होने के कारणों पर उपयोगी चर्चा की है। साथ ही इस घातक रोग से बचाव के संबंध में बड़ी ही सरल; सुविधाजनक और सटीक जानकारी दी है।
Hridaya Rog Karan Aur Bachav by Dr. Purushottam Lal offers valuable insights into cardiovascular health and heart disease prevention. Explore risk factors, healthy lifestyle choices, and awareness regarding cardiac care. Discover tips for maintaining a heart-healthy diet, incorporating exercise, and effectively managing heart conditions for a healthy heart and well-being.
Understanding and preventing heart diseases take center stage in Hridaya Rog Karan Aur Bachav by Dr. Purushottam Lal. The book delves into the causes, prevention, and management of heart-related ailments, offering valuable guidance for maintaining a healthy heart.
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