यू तो पत्रकारिता को कई तरह से लोग परिभाशित करते हैं लेकिन मेरा मानना है कि पत्रकारिता का मूल काम सत्ताधीशों और ताकतवर लोगों से सवाल करना है। पत्रकारिता का उद्देश्य लोकतांत्रिक मूल्यों की स्थापना और उनका संरक्षण करना है।
लोकतंत्र और स्वतंत्र-पत्रकारिता एक सिक्के के दो पहलू हैं। जिस देश में लोकतंत्र समाप्त हो जाता है वहां पत्रकारिता स्वतः ही खत्म हो जाती है। उसी तरह जिस देश में पत्रकारिता का क्षरण होने लगता है, वह सरकार की पिछलग्गू या प्रपोगंडा की मशीन बन जाती है वहां लोकतंत्र भी धीरे-धीरे समाप्ति की दिशा में बढ़ने लगता है।
‘विद्रोही चेतना’ पत्रकार और पत्रकारिता का स्वाभाविक गुण है। कहते हैं कि यह धरती उन लोगों की ऋणी है जिनमें यह क्षमता रही है कि वह ताकतवर लोगों से सवाल कर सकें। दुनिया में ऐसे अनेकों उदाहरण भरे पड़े हैं जब विद्रोही चेतना वाले लोगों ने मठाधीशों और सत्ताधारियों से अलग धारणा रखकर सवाल किए और नए सिद्धांत गढ़े। लीक पर चलना और ताकतवर लोगों का यशोगान करना पत्रकारिता नहीं है।
डॉ. नरेन्द्र अरजरिया
आंचलिक पत्रकार के तौर पर वर्ष 1993 से पत्रकारिता प्रारंभ करने वाले डॉ. नरेन्द्र अरजरिया ने विभिन्न समाचार पत्रों से लेकर पत्र पत्रिकाओं में कार्य किया। वर्तमान में टेलीवीजन में स्ट्रिंगर के तौर पर कार्य कर रहे हैं।
जन्मः- 30 जनवरी 1973
स्थानः- सरसेड जिला छतरपुर मध्यप्रदेश
शिक्षाः- स्नातक (अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा ), स्नात्कोत्तर (पत्रकारिता एवं जनसंचार डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर), स्नात्कोत्तर (ग्रामीण विकास महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय चित्रकूट मध्यप्रदेश), पीएचडी बुन्देलखंड की आचंलिक पत्रकारिता में स्थानीय पत्रकारों का योगदान (महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय चित्रकूट मध्यप्रदेश)।
अनुभवः- वर्ष 1993 में दैनिक देशबंधु सतना साप्ताहिक नूतन सबेरा मुंबई से अपने कैरियर की शुरूआत करने वाले डॉ. नरेन्द्र अरजरिया ने वर्ष 1995-96 में पत्रकारिता की बैचलर डिग्री हासिल की। वहीं दिल्ली से प्रकाशित जनसत्ता, दैनिक जागरण में इंटर्नशिप की, इसके बाद झांसी से प्रकाशित दैनिक अमर उजाला को ज्वाइन किया, अल्प समय के लिए छतरपुर से प्रकाशित दैनिक शुभभारत में उपसंपादक के पद पर कार्य किया इसी दौरान राष्ट्रीय समाचार पत्र-पत्रिकाओं मेंं आलेख प्रकाशित होते रहे। वर्ष 2002 में उत्तरप्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में सी-वोटर के लिए सर्वे का कार्य किया। 23 जुलाई 2003 में टीकमगढ़ जिले के लिए स्ट्रिंगर के तौर पर कार्य करना शुरू किया जो वर्तमान में जारी है। चर्चित प्रोग्रामः- सहारा समय मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ न्यूज चैनल पर घांस की रोटी, बुन्देलखंड और बंदूक, दुल्हन के दलाल, पान का मान, इच्छाधारी नागिन, विरासत की व्यथा, सरहद में बटे राम, बुन्देलखंड में पलायन की त्रासदी चर्चित प्रोग्राम रहे हैं। सम्मानः-
1- गोपाल भाई स्मृति सम्मान (2018) जिला प्रेस क्लब महोबा उत्तर प्रदेश
2- पंडित बनारसी दास चतुर्वेदी सम्मान (2019) जर्नलिस्ट यूनियन ऑफ मध्यप्रदेश टीकमगढ़
3- शब्द ऋषि सम्मान (2022, नोबल पुरूस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी के हाथों) स्टेट प्रेस क्लब इंदौर मध्य प्रदेश
4- वीरभूमि सम्मान (2022, प्रेस क्लब महोबा, उत्तरप्रदेश)
पुस्तकेंः-
1-शिवधाम सरसेड (सन् 2015-16)
2-मां कालका (सन् 2017-18)
3-कोरोना, राजनीति, पलायन और मीडिया (विद्या प्रकाशन कानपुर सन् 2021-22)
4-स्ट्रिंगर (यश पब्लिकेशन दिल्ली सन् 2021-22)
5- बुंदेलखण्ड के गौरव, ( यश पब्लिकेशन, दिल्ली, सन् 2021-22 )
संपर्कः- Email Id:- [email protected] Mob- 91-9425304474
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