Vaigyanikon Ki Rochak Baaten: Bestseller Book by Dilip M. Salwi: Vaigyanikon Ki Rochak Baaten

· Prabhat Prakashan
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140
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About this ebook

विज्ञान को हमेशा ही गंभीर विषय माना गया है और वैज्ञानिकों को गंभीर व्यक्ति। लेकिन क्या वैज्ञानिक भी मनुष्य नहीं हैं, जिनमें आम मनुष्यों की भाँति शारीरिक और नैतिक दुर्बलताएँ होती हैं? प्रायः ज्यादातर विज्ञान-लेखकों ने वैज्ञानिकों के इस पक्ष को महत्त्व नहीं दिया है, क्योंकि इसका विज्ञान से कुछ लेना-देना नहीं है; लेकिन वैज्ञानिकों का मानवीय पक्ष अन्य विधाओं से संबद्ध लोगों को विज्ञान, इसकी संस्कृति और इसमें दक्ष लोगों से अवगत कराने का अच्छा माध्यम हो सकता है। यदि इस पुस्तक को पढ़ने के पश्चात् अवैज्ञानिक लोग इसकी कुछ कहानियों, आख्यानों और पात्रों को मनोरंजन के साथ याद

रखते हैं तो इसके प्रकाशन का उद्देश्य सार्थक होगा।

विज्ञान विधा से संबद्ध लोगों के लिए यह पुस्तक आँख खोलनेवाली है। शायद ही कभी विज्ञान के छात्रों को विज्ञान के इस पक्ष से उनके शिक्षकों द्वारा परिचित कराया जाता हो। हमारे स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के विज्ञान शिक्षक इस पुस्तक में दी गई कहानियों, आख्यानों और वर्णित पात्रों को आत्मसात् कर, विज्ञान से बोझिल अपने व्याख्यानों में इन्हें स्थान देकर रोचक, मनोरंजकपूर्ण तथा अधिक संप्रेषणीय बना सकते हैं, जो आज विद्यार्थियों को विज्ञान की ओर आकर्षित करने के लिए अत्यावश्यक है।

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About the author

ख्यातनाम विज्ञान लेखक दिलीप एम. सालवी ने विज्ञान पर लगभग पैंतीस सूचनापरक और लोकप्रिय पुस्तकें लिखीं, जिसमें उनके द्वारा लिखित विज्ञान कथाएँ भी शामिल हैं। प्रश्नों पर आधारित गणित, पर्यावरण, विज्ञान और खगोल विज्ञान की प्रश्नोत्तरी रूपी पुस्तकें लिखकर पाठकों में विज्ञान के प्रति रुचि उत्पन्न करने का महती कार्य किया। उन्होंने बच्चों के लिए विज्ञान विषयक अनेक नाटक भी लिखे, जिनमें विज्ञान के समकालीन विषयों और मानवता को प्रभावित करनेवाले तथ्यों को उजागर किया गया है। वह विज्ञान और तकनीक से संबंधित अनेक प्रतिष्ठित पुरस्कारों से विभूषित हुए।

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