Dhyan Bhare Lamhe - Meditative Moments

· ANURAG S PANDEY
5.0
1 opinión
Libro electrónico
79
Páginas
Las calificaciones y opiniones no están verificadas. Más información

Acerca de este libro electrónico

“ध्यान भरे लम्हे” वो लम्हे होते हैं, जिनकी पहुँच लम्हों के परे होती है। वे लम्हे आपको इस बात का अहसास दिलाते रहते हैं कि आप अनादि, अनंत हैं। वे लम्हे आपका पीछा नहीं छोड़ते। वे खुद को पुनर्जीवित करते रहते हैं। वे और गहरे और रहस्यमय होते चले जाते हैं। वे आपको खींचने लगते हैं। आप उनके प्रभाव से खुद को बचा नहीं पाते हैं। धीरे–धीरे आप उनमें डूबते चले जाते हैं। अंतर्जगत के द्वार एक के बाद एक खुलने लगते हैं और आपको यूँ महसूस होता है मानो आप अपनी इस धरती पर एक परग्रही हो।

ध्यान भरे लम्हों से मेरा रिश्ता बचपन से रहा है। दोपहर की धूप में छत पर पद्मासन लगाकर बैठ जाना और ध्यान का खेल खेलना। प्लेनचेट करके आत्माओं को बुलाना और उनका सच में आ जाना। बिना प्रयास किए सहज ही निरंतर साक्षी भाव में रहना। फिर भटकाव का एक दौर। मगर उन लम्हों का साये की तरह साथ चलना और फिर से अपने आगोश में ले लेना।

इस किताब में आपको ज्ञान नहीं मिलेगा। मेरे पास कोई ज्ञान नहीं है देने के लिए। अगर ध्यान से जुड़े अनुभवों में आपकी रूचि है और आप उन अनुभवों की गहराई में डूबना चाहते हैं तो यह किताब मैंने आपके लिए ही लिखी है। इसमें कुल चार अध्याय हैं।

पहले अध्याय में मैंने सूक्ष्म जगत के विभिन्न अनुभवों के बारे में बताया है। कृष्ण, बुद्ध, जीसस, साईं बाबा, धूमावती माँ, वनदेवी, ओशो, अज्ञात साधु, अवधूत बाबा शिवानंद आदि किस प्रकार मुझे सूक्ष्म जगत में मिले और मुझे प्रेरित किया, मेरी सहायता की, ये सब मैंने इस अध्याय में बताया है।

दूसरे अध्याय में मैंने ध्यान का अभ्यास करते समय होने वाले विभिन्न अनुभवों के बारे में बताया है। जैसे विशालता का अनुभव, लिंग में स्पंदन होना, सूक्ष्म शरीरों का गति करना, चक्रों का घूमना और खुलना, चेतना की सर्वव्यापकता को महसूस करना, भूत और भविष्य का सामने आ जाना, अंतर्जगत का प्रगटीकरण आदि। ये अनुभव क्यों और कैसे होते हैं? कौन से अनुभव सकारात्मक हैं और किन अनुभवों में डूबना नहीं है? कैसे इन अनुभवों को और गहरा बना सकते हैं? इस पर भी मैंने अपने अनुभव के आधार पर प्रकाश डालने का प्रयास किया है।

तीसरा अध्याय ध्यान के प्रयोग के बारे में है, जो यह बताता है कि किस प्रकार आप भविष्य को बदलने के लिए, समस्या को सुलझाने के लिए, हीलिंग के लिए, विचार श्रृंखला को समझने, तोड़ने, बदलने के लिए, शरीर, मन, बुद्धि और चेतना के शुद्धिकरण के लिए ध्यान के प्रयोग कर सकते हैं। और चौथा अध्याय ध्यान से होने वाले लाभ के बारे में है कि कैसे यह आपके कार्य कौशल को बेहतर बना देता है, लक्ष्य निर्धारित करने में आपकी सहायता करता है वगैरह।


Calificaciones y opiniones

5.0
1 opinión

Acerca del autor

अनुराग एस. पाण्डेय लेखक, कवि, गीतकार और कंप्यूटर प्रोग्रामर हैं। इनकी कविताएँ भारत के राष्ट्रीय समाचार पत्र-पत्रिकाओं जैसे नवभारत टाइम्स, कादम्बिनी आदि में प्रकाशित हुई हैं। इन्होंने लेडी इंस्पेक्टर, शाका लाका बूम बूम, आदि विभिन्न टीवी शोज तथा इंडोनेशियाई टीवी के लिए (कहानी / संवाद / पटकथा) लेखन कार्य किया है। वर्तमान में ये भारत के भुवनेश्वर शहर में रहते हैं। ध्यान, योग, रहस्य, अलौकिक गतिविधियां, प्रेम, संबंध इनके लिखने-पढ़ने के कुछ पसंदीदा विषय हैं।

Califica este libro electrónico

Cuéntanos lo que piensas.

Información de lectura

Smartphones y tablets
Instala la app de Google Play Libros para Android y iPad/iPhone. Como se sincroniza de manera automática con tu cuenta, te permite leer en línea o sin conexión en cualquier lugar.
Laptops y computadoras
Para escuchar audiolibros adquiridos en Google Play, usa el navegador web de tu computadora.
Lectores electrónicos y otros dispositivos
Para leer en dispositivos de tinta electrónica, como los lectores de libros electrónicos Kobo, deberás descargar un archivo y transferirlo a tu dispositivo. Sigue las instrucciones detalladas que aparecen en el Centro de ayuda para transferir los archivos a lectores de libros electrónicos compatibles.