Bheegi Palkein

· Prachi Digital Publication
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भीगी पलकें उपन्यास एक सत्य घटना पर आधारित प्रेमकथा है। इस प्रेमकथा में दो जवां दिल जो कि अलग अलग मुल्को से थे एक पाकिस्तान से तो दूसरा भारत से। सबसे बड़ी बात यह घटना उस समय की है जब इंटरनेट नही हुआ करता था। इंटरनेट होता भी तो क्या करता क्योंकि उन दोनो की इतनी हैसियत नहीं थी कि वे इंटरनेट का उपयोग कर पाते। यह प्यार का अंकुर तब फूटा था जब शबीना भारत आई हुई थी अपने एक रिश्तेदार के पास। अपने परिवार को छोड़कर अपने प्रेम को पाने के लिए फतहखान पाकिस्तान पहुंच गया और… कैसे उसने अपने दिन काटे? क्या उसे उसकी मंजिल मिल पायी? क्या हुआ उन दोनों के प्यार का हश्र? जानने के लिए पढ़ते रहिए - भीगी पलकें

Ratings and reviews

4.8
4 reviews
Badal Malik Meerut
10 December 2018
Very nice book Fakhan.in victory
1 person found this review helpful
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shanu shanu
30 April 2018
Good thinking
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About the author

 डॉ. फखरे आलम खान 'विद्यासागर' एक जाने-माने साहित्यकार है। आपने अब तक सैकड़ो कहानियां, व्यंग्य और कविताएं लिखी है। उनकी कई पुस्तके प्रकाशित हो चुकी है। खान साहब अब डिजिटल दुनिया में भी कदम रख चुके है क्योंकि अब तक उन्होने प्रिन्ट एडिशन में भी पाठकों में अपनी अच्छी पकड़ बना रखी है।

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