Ashiq Mizaz: Novel

· Prachi Digital Publication
৪.৬
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ই-বুক
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এই ই-বুকের বিষয়ে

प्रस्तुत उपन्यास में फ़ख़रे आलम खान ने समसामयिक सामाजिक व्यवस्था को कथानक का ताना-बाना बनाया है। उपन्यास मे लेखक ने नारी की स्थिति को दिखाने का प्रयास किया है कि कैसे एक नारी कठिन और विपरित परिस्थतियों मे रहकर भी एक मुकाम हासिल कर सकती है। उन्होने यह संदेश देने का प्रयास किया है कि आज के युग में बेटी और बेटे में कोई अंतर नही रहा है। 

রেটিং ও পর্যালোচনাগুলি

৪.৬
৭টি রিভিউ

লেখক সম্পর্কে

डॉ. फखरे आलम खान 'विद्यासागर' एक जाने-माने साहित्यकार है। आपने अब तक सैकड़ो कहानियां, व्यंग्य और कविताएं लिखी है। उनकी कई पुस्तके प्रकाशित हो चुकी है। खान साहब अब डिजिटल दुनिया में भी कदम रख चुके है क्योंकि अब तक उन्होने प्रिन्ट एडिशन में भी पाठकों में अपनी अच्छी पकड़ बना रखी है।

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