अहिल्याबाई होल्कर ने 18वीं शताब्दी में मालवा राज्य की शासन किया और उन्हें उनके न्यायप्रिय शासन और सामाजिक सुधारों के लिए जाना जाता है। उन्होंने अपनी प्रजा के कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण काम किए, जैसे कि मंदिरों का निर्माण, जलस्रोतों की मरम्मत, और महिलाओं के अधिकारों को बढ़ावा देना।
"लोकमाता अहिल्याबाई" पुस्तक में अहिल्याबाई के जीवन के विभिन्न पहलुओं, उनके संघर्षों और उनके शासन की उपलब्धियों को विस्तार से वर्णित किया गया है। यह पुस्तक उनकी अद्वितीय नेतृत्व क्षमता और समर्पण को श्रद्धांजलि अर्पित करती है और उन्हें भारतीय इतिहास में उनके महत्वपूर्ण स्थान के लिए मान्यता प्रदान करती है।